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यूपी पंचायत चुनाव: महिला के लिए आरक्षित हुई सीट तो शख्स ने तोड़ दिया ब्रह्मचर्य का व्रत, अब पत्नी लड़ेगी चुनाव

यूपी पंचायत चुनाव: महिला के लिए आरक्षित हुई सीट तो शख्स ने तोड़ दिया ब्रह्मचर्य का व्रत, अब पत्नी लड़ेगी चुनाव

बलिया। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका हैं। तारीखों के ऐलान के साथ ही अजब-गजब मामले भी सामने आ रहे हैं। दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव में 2015 के आधार पर आरक्षण लागू करने का आदेश दिया है। जिसके बाद कई सीटों पर आरक्षण के समीकरण बदल गए हैं। ऐसे में कई ऐसे लोगों को झटका भी लगा है, जो चुनाव लड़ने की तैयारी में थे लेकिन सीट उनकी जाति में ना आकर दूसरे वर्ग के लिए आरक्षित हो गई। ऐसे में कई लोग चुपचाप बैठ गए तो कुछ उम्मीदवारों ने इसकी भी काट निकाल ली।

ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से सामने आया है। यहां एक 45 साल के शख्स ने ग्राम प्रधान चुनाव लड़ने के लिए आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन करने का व्रत तोड़ दिया। दरअसल, जितेंद्र सिंह उर्फ हाथी सिंह ने पिछली बार भी ग्राम प्रधानी के चुनाव ताल ठोकी थी, लेकिन तब उसे जीत नहीं मिली। वह दूसरे स्थान पर रहे। इस बार ग्राम प्रधानी के चुनाव में वो फिर ताल ठोकने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन बदले आरक्षण नियमों के तहत पंचायत की सीट महिला के लिए आरक्षित हो गई। ऐसे में दावेदार का चुनाव लड़ने का सपना टूट गया। लेकिन हार नहीं मानी। उन्होंने अविवाहित रहने के फैसले को बदलते हुए बिना कोई शुभ मुहूर्त के शादी कर ली।

ये दिलचस्प मामला बलिया जिले से सामने आया है। खबरों के मुताबिक, कर्णछपरा गांव निवासी जितेंद्र सिंह उर्फ हाथी सिंह (45) पिछले कई सालों से ग्राम प्रधान पद की तैयारी में जुटे थे। वे साल 2015 के चुनाव में भी दावेदार थे। उस समय वो कुछ वोटों से हार गए थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और वो क्षेत्र में आगामी चुनाव की तैयारी करते रहे। तो वहीं, अब रिजर्वेशन लिस्ट सामने आई, तो उनकी उम्मीद टूट गई। उनके गांव की सीट महिला आरक्षित घोषित कर दी गई। समस्या यह थी कि हाथी सिंह ने आजीवन शादी न करने का व्रत लिया था।

ऐसे में उनकी दावेदारी पर सपनों पर आरक्षण ने ग्रहण लगा दिया। उनका पूरा दांव विफल होने लगा। तो वहीं, उनके परिवार व समर्थकों ने शादी करने का सुझाव दिया। जितेंद्र सिंह ने कई लोगों से राय मशविरा भी लिया। जितेंद्र सिंह ने आखिरकार 26 मार्च को छपरा जिले के नेवतरी (खलपुरा) गांव निवासी राजेंद्र सिंह की बेटी निधि सिंह से शादी कर ली। दिलचस्प बात यह है कि इस विवाह को खर-मास के दौरान संपन्न कराया गया, जिसे हिंदू परंपराओं के अनुसार शुभ नहीं माना जाता। सिंह ने कहा, ‘मुझे 13 अप्रैल को नामांकन से पहले शादी करनी थी।’

स्नातक की पढ़ाई कर रही दुल्हन बनी प्रत्याशी

उनकी दुल्हन स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं और पंचायत चुनाव लड़ने को तैयार है। हाथी सिंह शादी करने के बाद हनीमून पर जाने की बजाए सीधे चुनावी प्रचार में जुट गए हैं। 13 अप्रैल को बलिया में पंचायत चुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी, जिसमें हाथी सिंह अपनी पत्नी का नामांकन कराएंगे। वहीं गांव में हाथी सिंह और उनके समर्थक चुनावी प्रचार में लगे हुए हैं।

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