विधायक निधि भी खर्च न कर सके माननीय: बड़ी संख्या में काम भी अधूरे रहे गए, इस मंडल का सबसे ज्यादा बुरा हाल
विधायक निधि भी खर्च न कर सके माननीय: बड़ी संख्या में काम भी अधूरे रहे गए, इस मंडल का सबसे ज्यादा बुरा हाल

वित्त वर्ष 2022-23 की करीब 50 फीसदी विधायक निधि डीआरडीए और कार्यदायी संस्थाओं के पास जमा रह गई है। बड़ी संख्या में काम भी अधूरे रह गए हैं। विधायक निधि खर्च न होने के मामले में लखनऊ मंडल सबसे आगे रहा।
प्रदेश की 17वीं विधानसभा के 403 विधायकों में से अधिकांश अपनी निधि की राशि खर्च नहीं कर सके। इस निधि के करीब 1200 करोड़ रुपये में से 918 करोड़ से अधिक राशि जिला ग्रामीण विकास अभिकरण और कार्यदायी संस्थाओं के पास जमा रह गई। वहीं विधायकों की ओर से स्वीकृत कार्य भी बड़ी संख्या में अधूरे रहे।
कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 की विधायक निधि को कोरोना रोकथाम और संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कर दिया था। चुनावी वर्ष होने के कारण सरकार ने 2021-22 में यह निधि बहाल करते हुए प्रति विधायक तीन करोड़ रुपये (जीएसटी सहित) जारी की।
चुनावी वर्ष में विधायकों ने क्षेत्र के विकास और मतदाताओं की नाराजगी दूर करने के लिए निधि तो जारी की, लेकिन इसकी प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी होने में विलंब के चलते करीब 605 करोड़ 25 लाख रुपये जिला ग्रामीण विकास अभिकरणों के खाते में जमा रह गए।
वहीं कार्य शुरू नहीं होने, काम अधूरे होने के कारण करीब 313 करोड़ 45 लाख रुपये कार्यदायी संस्थाओं के बैंक खाते में जमा रह गए। विधायकों ने जो कार्य विधायक निधि से स्वीकृत किए थे उनमें से 22,769 काम पूरे हुए जबकि 19,423 अधूरे रह गए और 377 काम शुरू नहीं हो सके।
लखनऊ मंडल का बुरा हाल
विधायक निधि खर्च न होने के मामले में लखनऊ मंडल सबसे आगे रहा। लखनऊ मंडल में 72.11 करोड़, वाराणसी में 62.18 करोड़, प्रयागराज में 55.25 करोड़ और गोरखपुर मंडल में 39.41 करोड़ रुपये जिला ग्रामीण विकास अभिकरण में जमा रहे।
स्कूल भवन, छात्रावास व पुस्तकालय में दिलचस्पी नहीं
विधायकों ने स्कूल भवन, छात्रावास, पुस्तकालय के लिए केवल 678 कार्य स्वीकृत किए। वहीं पेयजल के लिए 965 हैंडपंप, जलापूर्ति के अन्य प्रबंध के लिए 420 कार्य की स्वीकृति दी।
रोड, खड़ंजा पर अधिक खर्च
विधायकों ने गांवों में सड़क और खड़ंजा के लिए सबसे अधिक 1717.77 किलोमीटर मार्ग की स्वीकृति दी। वहीं, 9977 अन्य निर्माण कार्य की मंजूरी दी।
नए विधायकों को होगा फायदा
18वीं विधानसभा में 126 विधायक पहली बार चुनकर आए हैं। वह जिन पूर्व विधायकों को चुनाव हराकर आए हैं उनकी विधायक निधि का उपयोग भी वह अब कर सकेंगे। इतना ही नहीं पूर्व विधायकों की निधि से स्वीकृत 19 हजार से अधिक कार्य जो अधूरे रह गए थे उनके पूर्ण होने पर लोकार्पण पट्टिका पर नाम लिखवाने का मौका भी मिलेगा।
मंडल ——– डीआरडीए में जमा राशि ——– कार्यदायी संस्था के पास जमा राशि
आगरा ——— 31.50 ——— 9.60
अलीगढ़ ———– 14.27 ———- 11.33
अयोध्या ———- 30.87 ———- 10.44
आजमगढ़ ———- 46.02 ———- 31.57
रायबरेली ———- 24.98 ———- 12.17
बस्ती ———– 11.63 ———— 10.78
चित्रकूट ———— 13.80 ————— 4.51
देवीपाटन ———– 36.97 ————— 18.88
गोरखपुर ———- 39.41 —————- 26.45
झांसी ——— 23.50 —————– 9.91
कानपुर ———- 37.63 —————– 26.32
लखनऊ ———– 72.11 —————— 20.22
मेरठ ———– 43.51 —————— 17.23
मिर्जापुर ——— 21.22 ——————- 12.03
मुरादाबाद ——– 28.09 ——————- 9.19
प्रयागराज ——– 55.25 ——————— 41.66
सहानरपुर ——– 13.25 ——————- 3.23
वाराणसी ——— 61.18 —————— 37.86