श्रीमद् भागवत कथा व्यास पंडित सीताराम त्रिपाठी ने दी तथ्यों के साथ दी जानकारी–कब और क्यों 11 अगस्त को श्रेष्ठ है रक्षाबंधन मनाना
श्रीमद् भागवत कथा व्यास पंडित सीताराम त्रिपाठी ने दी तथ्यों के साथ दी जानकारी--कब और क्यों 11 अगस्त को श्रेष्ठ है रक्षाबंधन मनाना

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अमर ग्रंथ “व्रत पर्व विवेक” में 2022 के लिए रक्षाबंधन तिथि 11 अगस्त ही निर्धारित की है। इसके अतिरिक्त *यदि हम धर्म ग्रंथों का अध्ययन करें जिस में मुख्यतः*
1–धर्मसिंधु, 2–निर्णय सिंधु 3–पीयूष धारा 4–मुहूर्त चिंतामणि 5–तारा प्रसाद दिव्य पंचांग इत्यादि का अध्ययन करने पर इस परिणाम पर पहुंचेंगे कि 11 अगस्त 2022 को ही रक्षाबंधन, श्रावणी उपाकर्म पर्व शास्त्र सम्मत है।
इस लेख के माध्यम से आपको यह स्पष्ट कराने का प्रयास करता हूं कि रक्षाबंधन, उपाकर्म संस्कार 11 अगस्त 2022 को क्यों मनाना चाहिए।
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11 अगस्त को पूरे दिन भद्रा व्याप्त है परंतु भद्रा मकर राशि मे होने से इसका वास पाताल लोक में माना गया है और पीयूष धारा में कहा है-
*स्वर्गे भद्रा शुभं कुर्यात पाताले च धनागम।*
*मृत्युलोक स्थिता भद्रा सर्व कार्य विनाशनी ।।*
जब भद्रा स्वर्ग या पाताल लोक में होती है तब वह शुभ फल प्रदान करने में समर्थ होती है।
*मुहूर्त मार्तण्ड में भी कहा गया है* *“स्थिताभूर्लोख़्या भद्रा* *सदात्याज्या स्वर्गपातालगा शुभा*”।
अतः यह स्पष्ट है कि मेष, वृष,मिथुन, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु या मकर राशि के चन्द्रमा में भद्रा पड़ रही है तो वह शुभ फल प्रदान करने वाली होती है।।
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*12 अगस्त को रक्षाबंधन मनाना क्यों शास्त्र सम्मत नहीं है*?
1– क्योंकि 12 अगस्त को पूर्णिमा प्रातः 7:6 पर समाप्त हो जाएगी जोकि सूर्योदय के बाद 1घंटा 18 मिनट ही होते हैं जो कि दो मुहूर्त से भी कम है।
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*श्री सीताराम त्रिपाठी*
*भागवत परिवार*
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