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अमेरिकी सीनेट की एक समिति ने भारत के साथ रक्षा साझेदारी मजबूत करने पर जोर दिया

अमेरिकी सीनेट की एक समिति ने भारत के साथ रक्षा साझेदारी मजबूत करने पर जोर दिया


वाशिंगटन। अमेरिकी सीनेट की एक अहम समिति ने भारत के साथ रक्षा साझेदारी को मजबूत करने और खुफिया जानकारी एकत्रित करने, ड्रोन तथा चौथी और पांचवीं पीढ़ी के विमानों के क्षेत्र में वृहद सहयोग के जरिए इसे नए स्तर तक ले जाने का मांग की है। सीनेट की शक्तिशाली सशस्त्र सेवा समिति ने यह बयान ऐसे वक्त में दिया है जब एक सप्ताह पहले प्रतिनिधि सभा ने राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकार कानून (एनडीएए) के तौर पर एक विधायी संशोधन पारित किया , जिसमें ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट’ (सीएएटीएसए) के तहत दंडात्मक प्रतिबंधों से भारत को छूट दी गयी है। एनडीएए अमेरिका का वार्षिक बजट है।

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सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति ने वित्त वर्ष 2023 के लिए राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकार कानून का अपना संस्करण बुधवार को पारित किया। इसमें ‘‘भारत के साथ प्रमुख रक्षा साझेदारी बढ़ाने’’ पर जोर दिया गया है, जिसमें खुफिया जानकारियां एकत्रित करने, ड्रोनों और चौथी तथा पांचवीं पीढ़ी के विमानों के क्षेत्रों में वृहद सहयोग शामिल है। साथ ही इसमें डिपो स्तर पर देखरेख, संयुक्त अनुसंधान एवं विकास, 5जी और ‘ओपन रेडियो एक्सेस नेटवर्क्स’ (आरएएन), साइबर और सर्द मौसम में रक्षा क्षमता बढ़ाने में सहयोग भी शामिल है।

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गौरतलब है कि अमेरिका की प्रतिनिधि सभा ने भारत को रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए सीएएटीएसए प्रतिबंधों से खास छूट दिलाने वाला एक संशोधित विधेयक गत सप्ताह पारित कर दिया था। भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना द्वारा पेश किए गए इस संशोधित विधेयक में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन से भारत को चीन जैसे आक्रामक रुख वाले देश को रोकने में मदद करने के लिए सीएएटीएसए से छूट दिलाने के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया गया है।

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