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श्रीलंका संकट के बीच सामने आया एस जयशंकर का बयान, हम मदद की कर रहे कोशिश

श्रीलंका संकट के बीच सामने आया एस जयशंकर का बयान, हम मदद की कर रहे कोशिश


श्रीलंका की स्थिति लगातार आउट ऑफ कंट्रोल होती जा रही है। रविवार को प्रदर्शनकारियों ने जबरदस्त तरीके से श्रीलंका में हंगामा मचाया। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे तथा प्रधानमंत्री रॉनिल विक्रमसिंघे के आवासों पर कब्जा भी जमा लिया। रॉनिल विक्रमसिंघे के निजी आवास पर प्रदर्शनकारियों ने आग भी लगा दी। इस घटना को लेकर अब तक 3 लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। रॉनिल विक्रमसिंघे ने हालात को सुधारने तथा सर्वदलीय सरकार बनाने के लिए इस्तीफे की पेशकश भी कर दी है। श्रीलंका में बेकाबू हालात के बीच भारत का बयान भी सामने आया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम श्रीलंका के समर्थक रहे हैं, मदद करने की कोशिश कर रहे हैं और हमेशा मददगार रहे हैं। वे अपनी समस्या पर काम कर रहे हैं, हम देखेंगे कि क्या होता है। अभी कोई शरणार्थी संकट नहीं है।

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इन सबके बीच श्रीलंका से कई वीडियो भी आ रहे हैं। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन में भोजन करते दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा राष्ट्रपति भवन के स्विमिंग पूल में भी वह जमकर मौज मस्ती कर रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी ने यह दावा किया है कि हम अब भ्रष्टाचार से मुक्त हैं, यह शांतिपूर्ण है। यहां परिवार, बच्चों के साथ सेलिब्रेट करने आए थे। हम सब यहाँ राष्ट्रपति भवन में दोपहर का भोजन कर रहे हैं। देश में उथल-पुथल के बीच राष्ट्रपति फिलहाल कहां हैं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। श्रीलंका एक अभूतपूर्व आर्थिक उथल-पुथल का सामना कर रहा है। 2.2 करोड़ लोगों की आबादी वाला देश सात दशकों में सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। श्रीलंका में विदेशी मुद्रा की कमी है, जिससे देश ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं के जरूरी आयात के लिए भुगतान कर पाने में असमर्थ हो गया है। इन हालात के बीच जनता सड़कों पर है। श्रीलंका की संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने ने शनिवार रात को बताया कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे 13 जुलाई को इस्तीफा देंगे।

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इस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने रविवार को कहा कि वह श्रीलंका के हालात पर नजर बनाए हुए है। आईएमएफ ने उम्मीद जतायी की राजनीतिक गतिरोध जल्द समाप्त कर लिया जाएगा ताकि आईएमएफ समर्थित योजना पर बातचीत दोबारा शुरू हो सके। श्रीलंकाई सेना प्रमुख जनरल शैवेंद्र सिल्वा ने देश में शांति बनाए रखने के लिए लोगों से समर्थन मांगते हुए रविवार को कहा कि मौजूदा राजनीतिक संकट का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान का अवसर अब उपलब्ध है। ‘कोलंबो गजट न्यूज’ पोर्टल ने बताया कि सिल्वा ने श्रीलंका के सभी लोगों से देश में शांति बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों और पुलिस का समर्थन करने का अनुरोध किया। यह बयान शनिवार को गाले फेस और फोर्ट तथा प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के निजी आवास के पास हुई हिंसा के बाद जारी किया गया। कोलंबो के एक अस्पताल ने बताया कि 102 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है,जिसमें 11 मीडियाकर्मी शामिल हैं। पुलिस के विशेष कार्य बल पर प्रधानमंत्री के निजी आवास में हुए प्रदर्शन के दौरान दो टेलीविजन पत्रकारों के साथ बुरी तरह मारपीट करने के आरोप हैं। इस बीच मुख्य विपक्षी दल एसजेबी ने कहा कि उनके सहयोगी दलों के बीच बैठक आज होनी है,जिसमें राजनीतिक हालात का जायजा लिया जाएगा।

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