प्राकृतिक आपदाओं की घटनाओं का पूर्वोत्तर में विकास गतिविधियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा: कलिता
प्राकृतिक आपदाओं की घटनाओं का पूर्वोत्तर में विकास गतिविधियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा: कलिता

कोलकाता| सेना की पूर्वी कमान के ‘जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ’ लेफ्टिनेंट जनरल आर. पी कलिता ने बृहस्पतिवार को कहा कि मणिपुर में हाल में भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण पूर्वोत्तर में कल्याणकारी गतिविधियों के लिए सरकारी प्रयासों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
कलिता ने कहा कि भारी बारिश के बाद मणिपुर के नोनी जिले में एक रेलवे निर्माण शिविर में भूस्खलन में लोगों की मौत होना ‘‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण’’ था, लेकिन ‘‘प्रकृति के प्रकोप का कोई मुकाबला नहीं कर सकता।’’
उन्होंने कहा कि पूरा पूर्वोत्तर, जो पूर्वी कमान की जिम्मेदारी के क्षेत्र का हिस्सा है, देश के बाकी हिस्सों की तुलना में बुनियादी ढांचे के विकास में पिछड़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 10 से 15 वर्षों में, बहुत सी बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाएं शुरू की गई हैं।…..’’
उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं को सरकार की सभी एजेंसियों द्वारा समर्थन देने की जरूरत है। पूर्वी सैन्य कमांडर ने यहां बिस्वा बांग्ला मेला प्रांगण में ‘ईस्ट टेक 2022’ रक्षा प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ‘‘लेकिन, मुझे नहीं लगता कि इस तरह की घटनाओं (मणिपुर में भूस्खलन) का विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने संबंधी सरकार की इच्छा और पूर्वोत्तर में होने वाले बुनियादी ढांचे के विकास पर कोई प्रभाव पड़ने वाला है।’’
उन्होंने कहा कि सेना ऐसे सभी प्रयासों में सरकार का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि ‘मिनी डिफेंस एक्सपो’ के रूप में चर्चित पूर्वी कमान में आवश्यक क्षमता विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य कठिन क्षेत्रों में परिचालन क्षमताओं को बढ़ाना भी है।
दो दिवसीय प्रदर्शनी में ‘फील्ड फॉर्मेशन’ के कई अधिकारियों के शामिल होने का उल्लेख करते हुए कलिता ने कहा कि पूर्वी कमान उन उपकरणों की खरीद पर विचार कर रही है जिनकी सैनिकों के लिए तत्काल आवश्यकता है।