उद्योग जगत

एयरटेल ने एजीआर बकाया का भुगतान टालने का विकल्प चुना

एयरटेल ने एजीआर बकाया का भुगतान टालने का विकल्प चुना


नयी दिल्ली| दूरसंचार सेवा प्रदाता भारती एयरटेल ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने वित्त वर्ष 2018-19 तक के बकाया समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) का भुगतान चार साल तक टालने का विकल्प चुना है। कंपनी ने कहा कि कंपनी ने पूर्व-भुगतान किस्त राशि का अधिकार अपने पास बरकरार रखा है और बकाया ब्याज को इ्क्विटी में बदलने का विकल्प नहीं चुनेगी।

सूत्रों के मुताबिक, अतिरिक्त समय के लिए करीब 3,000 करोड़ रुपये तक का बकाया बनता है।

भारती एयरटेल ने शेयर बाजारों को दी गई सूचना के मुताबिक, कंपनी ने दूरसंचार विभाग को यह सूचित कर दिया है कि वह वित्त वर्ष 2018-19 तक के एजीआर बकाया (उच्चतम न्यायालय के आदेश में जिसकी गणना नहीं की गई है) को चार साल तक टालने का विकल्प चुनेगी। इसके साथ ही किस्तों के पूर्व-भुगतान का अधिकार भी अपने पास बरकरार रखेगी।

सरकार दूरसंचार कंपनियों के एजीआर के आधार पर उनसे मिलने वाली राजस्व हिस्सेदारी की गणना करती है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, दूरसंचार कंपनियों को वर्ष 2018-19 तक के लिए 1.65 लाख करोड़ रुपये एजीआर के तौर पर देनी है।

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