उद्योग जगत

घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय रबर मिशन शुरू करने की तैयारी

घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय रबर मिशन शुरू करने की तैयारी


नयी दिल्ली| रबर बोर्ड ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और आयात में कमी लाने के लिए एक राष्ट्रीय रबर मिशन की रूपरेखा को अंतिम रूप दे रहा है। मौजूदा समय में रबर की घरेलू मांग का लगभग 35 प्रतिशत भाग आयात से पूरा किया जाता है।

रबर बोर्ड के कार्यकारी निदेशक के एन राघवन ने ऑटोमोटिव टायर विनिर्माता संघ (एटीएमए) की प्रबंध समिति की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘एक राष्ट्रीय रबर मिशन देश के भीतर पर्याप्त प्राकृतिक रबर का उत्पादन करने के लिए लाने की दिशा में काम चल रहा है ताकि घरेलू उद्योग की मांगों को पूरा किया जा सके और आयात स्तर को कम किया जा सके।’’

एक बयान के मुताबिक, राघवन ने इस बैठक में कहा कि प्रस्तावित मिशन के तहत गैर-पारंपरिक क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ वर्ष 2025-26 तक पांच लाख हेक्टेयर भूमि में रबर के नए पौधों का वृक्षारोपण करेगा। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में रबर पौधों की बुआई के लिए लगभग 95,000 हेक्टेयर भूमि की पहचान की गई है।

इस मौके पर एटीएमए के अध्यक्ष सतीश शर्मा ने कहा कि टायर उद्योग देश में प्राकृतिक रबर के रोपण के पक्ष में है, जो गुणात्मक रूप से बेहतर हो और प्रतिस्पर्धी मूल्य वाला हो। उन्होंने कहा कि चुनिंदा एटीएमए सदस्य पहले से ही रबर बोर्ड के साथ एक सहयोगी परियोजना ‘नॉर्थ ईस्ट मिशन ऑफ टायर इंडस्ट्री फॉर रबड़ ऑग्मेंटेशन (नेमित्रा)’ पर काम कर रहे हैं, ताकि पूर्वोत्तर में रबर पौधों की अधिक से अधिक रोपाई हो सके।

इस परियोजना का लक्ष्य पांच वर्षों में उत्तर पूर्व और पश्चिम बंगाल में दो लाख हेक्टेयर में रबड़ पौधों की रोपाई करना है। उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत रोपण जून 2021 में शुरू हो चुका है।

केरल और तमिलनाडु देश में प्राकृतिक रबर के बागान के पारंपरिक क्षेत्र हैं। गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में मुख्य रूप से सात उत्तर पूर्वी राज्य और कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे ज्य शामिल हैं।

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