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मुश्किल में भी अपनों का साथ नहीं छोड़ते हम भारतीय, काबुल में फंसे खोजी कुत्तों की भी हुई वतन वापसी

मुश्किल में भी अपनों का साथ नहीं छोड़ते हम भारतीय, काबुल में फंसे खोजी कुत्तों की भी हुई वतन वापसी

मुश्किल में भी अपनों का साथ नहीं छोड़ते हम भारतीय, काबुल में फंसे खोजी कुत्तों की भी हुई वतन वापसी

भारत और भारत की संस्कृति में अपनत्व का बहुत महत्व है। अपनत्व और प्रेम ही तो है जो मुश्किल में भी एक दूसरे का साथ बनाए रखता है। भारत के लोग की खासियत यही है कि वह मुश्किल वक्त में भी अपनों को अकेला नहीं छोड़ते चाहे कोई भी हो। एक दूसरे से हम इतना हिल मिल जाते हैं कि हम सभी के लिए स्नेह की भावना रखते हैं। अगर हम अपने साथ बेजुबान को भी रखते हैं तो उसके प्रति भी हमारे अंदर स्नेह का भाव उत्पन्न हो जाता है। कुछ ऐसा ही का देखने को मिल भी रहा है। काबुल से जो भारतीयों को लेकर विमान वापस आया है उनमें तीन खोजी कुत्ते भी शामिल है जिन्हें अंग्रेजी में Sniffer Dogs कहते हैं। इनके नाम माया, रूबी और बॉबी बताया जा रहा है जो भारतीय दूतावास में तैनात थे। जिंदगी बचाने की जद्दोजहद में लगे भारतीय दूतावास के लोग इन्हें अपने साथ लाना नहीं भूले।

आपको बता दें कि अफगानिस्तान में भारत ने अपने दूतावास को बंद कर दिया है। इसके बाद राजदूत और कर्मचारियों को स्वदेश लाया जा रहा है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के खबर के मुताबिक मंगलवार को जब भारतीय वायुसेना का विमान काबुल से वापस लौटा तो उसमें तीन कुत्ते भी शामिल थे। फिलहाल उन खोजी कुत्ते को भारत तिब्बत सीमा पुलिस यानी आईटीबीपी के छावला कैंप में रखा गया है। यह कुत्ते गाजियाबाद के हिंडन वायु सेना हवाई अड्डे पर उतरे थे। आपको बता दें कि तालिबान के कब्जे वाले अफगानिस्तान से आईटीबीपी के 99 कमांडों की एक टुकड़ी तीन खोजी कुत्तों के साथ एक सैन्य विमान से वापस वतन आ गई है। आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडे ने बताया कि इसके साथ ही काबुल में दूतावास, अफगानिस्तान में भारत के चार वाणिज्य दूतावास और राजनयिकों की सुरक्षा के लिए तैनात हमारी पूरी टुकड़ी वापस आ गई है। कमांडो, दूतावास के कर्मचारियों और अन्य भारतीय नागरिकों के साथ वापस आए हैं।

हिंडन में उतरने के बाद आईटीबीपी टुकड़ी के कमांडर रविकांत गौतम ने कहा कि यह चुनौतीपूर्ण अभियान था, क्योंकि हम एक ऐसे देश से अपने लोगों को निकाल रहे थे, जहां सैन्यबलों की तैनाती नहीं है। भारत ने प्रयासों में बड़ा अच्छा तालमेल रखा एवं हमारे कमांडों ने जमीनी स्तर पर बहुत अच्छा काम किया। उन्होंने कहा कि उनके जवान पिछले तीन-चार दिनों से सोये नहीं हैं और आखिरकार आज रात वे गहरी नींद लेंगे। कमांडो को आईटीबीपी की बसों में हिंडन एयर बेस से पृथकवास केंद्र ले जाया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कमांडो अपने साथ एके सीरीज के हथियार, बुलेट प्रूफ जैकेट, हेलमेट, संचार उपकरण, गोला-बारूद और तीन खोजी कुत्ते भी साथ लाए हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत रुद्रेंद्र टंडन सहित तीस राजनयिक, आईटीबीपी के 99 कमांडो और 21 नागरिक वायु सेना के सी-17 ग्लोबमास्टर विमान में सवार थे।

 

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