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किसी और से नहीं तो Varun Gandhi से ही राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ लें Rahul Gandhi

किसी और से नहीं तो Varun Gandhi से ही राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ लें Rahul Gandhi

ये जो विदेशी विश्वविद्यालय हैं लगता है यह भारत विरोधी गतिविधियों का अड्डा बन गये हैं। कुछ समय पहले कैंब्रिज विश्वविद्यालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को संबोधन के लिए आमंत्रित किया। राहुल गांधी ने कैंब्रिज में और लंदन के अन्य संस्थानों में जो भाषण दिये उससे भारत में बवाल खड़ा हो गया है। देखा जाये तो भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से राहुल गांधी ने जो साख कमाई थी उसे एक झटके में वह लंदन में लुटा आये।

जहां तक सवाल विदेशी विश्वविद्यालयों में रचे जा रहे भारत विरोधी षड्यंत्रों का है तो आपको बता दें कि इसके तहत प्रयास किया जा रहा है कि भारत में मोदी सरकार के विरोधी नेताओं को भाषण देने के लिए लंदन बुलाया जाये और फिर उनके वक्तव्यों को प्रचारित कर भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में मोदी विरोधी माहौल बनाया जाये। इस साजिश के पीछे वही लोग हैं जो मोदी की वैश्विक नेता की बलवती होती छवि को सहन नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें यह पच नहीं रहा है कि गुजरात से निकला एक लोकल नेता कैसे ग्लोबल लीडर बन रहा है।

इसी कड़ी में राहुल गांधी के भाषण के बाद भाजपा में असंतुष्ट नेता माने जा रहे और गांधी परिवार के सदस्य सांसद वरूण गांधी को संबोधन के लिए ऑक्सफोर्ड यूनियन संघ के अध्यक्ष मैथ्यू डिक ने आमंत्रित किया जिसे वरूण गांधी ने ठुकरा दिया। वरूण गांधी को जिस विषय पर बोलने के लिए बुलाया जा रहा था उसका विषय था- ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सही रास्ते पर है या नहीं’। वरूण से उम्मीद की जा रही थी कि वह नकारात्मक ही बोलें।

लेकिन वरूण राहुल से अलग हैं। वह देश के साथ खड़े हुए और साफ कह दिया कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर घरेलू चुनौतियों को उठाने की कोई योग्यता या समग्रता नजर नहीं आती और इस तरह का कदम एक अपमानजनक कार्य होगा। हम आपको याद दिला दें कि अभी कुछ समय पहले राहुल गांधी से जब वरूण गांधी के संबंध में सवाल पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि मैं वरूण को गले लगा सकता हूँ लेकिन उनकी विचारधारा को स्वीकार नहीं कर सकता। देखा जाये तो राहुल ने सही कहा था कि वरूण की विचारधारा अलग है और यह विचारधारा देश के साथ खड़े होने की है क्योंकि राहुल ने तो जो कुछ लंदन में कहा और किया है उसके लिए उन्हें राष्ट्रविरोधी बताया जा रहा है। यह भी कहा जा सकता है कि अपने पूर्वजों की साख यदि गांधी परिवार में कोई बचा रहा है तो वह वरूण गांधी ही हैं।

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