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Atal-Advani का उद्धव ठाकरे ने किया जिक्र, भाजपा से पूछा- सरकार बनाने के लिए हिंदू धर्म किसने छोड़ा?

Atal-Advani का उद्धव ठाकरे ने किया जिक्र, भाजपा से पूछा- सरकार बनाने के लिए हिंदू धर्म किसने छोड़ा?

Atal-Advani का उद्धव ठाकरे ने किया जिक्र, भाजपा से पूछा- सरकार बनाने के लिए हिंदू धर्म किसने छोड़ा?

उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि लोकतंत्र के 3 स्तंभ ध्वस्त हो गए हैं। मीडिया के हाथ में कलम की जगह कमल है। केवल न्यायपालिका और सर्वोच्च न्यायालय ही उम्मीद बची है। न्यायपालिका न्याय का पतन नहीं होने देगी।

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद उद्धव ठाकरे जबरदस्त तरीके से भाजपा पर हमलावर हैं। उद्धव ठाकरे लगातार यह दावा करते रहे हैं कि उनकी पार्टी हिंदुत्व की विचारधारा को मानती है। हालांकि, भाजपा का दावा है कि सरकार बनाने के लिए उद्धव ठाकरे ने विचारों से समझौता किया और कांग्रेस तथा एनसीपी जैसे दलों से हाथ मिलाया। इसी को लेकर एक बार फिर से उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर पलटवार किया है। इतना ही नहीं, उद्धव ठाकरे ने अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी का भी जिक्र कर दिया।

उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब भाजपा ने रथ यात्रा शुरू की तो हमने उनका समर्थन किया। उनके पास केवल 2 सांसद थे। उन्होंने कहा कि आडवाणी उनका चेहरा थे। लेकिन जब सरकार बनानी थी और उन्हें जयललिता और अन्य लोगों से समर्थन चाहिए था, अन्य दलों ने धर्मनिरपेक्षता के लिए आडवाणी के चेहरे का विरोध किया और अटल जी पीएम बन गए। तो हिंदू धर्म किसने छोड़ा, शिवसेना या भाजपा? उन्होंने साफ तौर पर कहा कि महाराष्ट्र को मोदी जी ने नहीं बल्कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने आकार दिया था।

उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि लोकतंत्र के 3 स्तंभ ध्वस्त हो गए हैं। मीडिया के हाथ में कलम की जगह कमल है। केवल न्यायपालिका और सर्वोच्च न्यायालय ही उम्मीद बची है। न्यायपालिका न्याय का पतन नहीं होने देगी। राज्य सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि किसान मोर्चा नासिक से मुंबई आ रहा है। उनके विरोध पर ध्यान देना चाहिए। इससे पहले भी किसानों ने मार्च निकाला था। इस दौरान आदित्य ठाकरे उनसे मिलने पहुंचे। लेकिन अब तक इस सरकार की तरफ से कोई बात करने नहीं गया।

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