उत्तर प्रदेश

प्रतीक ग्रैंड में पांचवीं मंजिल से नीचे गिरी लिफ्ट…बच्ची घायल.

प्रतीक ग्रैंड में पांचवीं मंजिल से नीचे गिरी लिफ्ट...बच्ची घायल.

गाजियाबाद
सिद्धार्थ विहार के प्रतीक ग्रैंड सोसायटी के टावर सी-16 में लिफ्ट गिरने से 12 साल की बच्ची आन्या घायल हो गई। थोड़ी देर बाद सोसायटी के दूसरे टावर सी-12 में भी लिफ्ट खराब हो गई जिसमें 10 साल का बच्चा फंस गया।दोनों बच्चे करीब 25 मिनट तक लिफ्ट में फंसे रहे। बाहर निकलने के बाद दोनों घबराए हुए हैं।
टावर सी-16 में रहने वाले बृजेश सक्सेना की 12 साल की बेटी आन्या कक्षा आठ में पढ़ती है। वह ट्यूशन पढ़ने के लिए 21वें फ्लोर से लिफ्ट में सवार हुई। आन्या ने परिजनों को बताया कि लिफ्ट में जाते ही बटनों ने काम करना बंद कर दिया और गेट बंद हो गए। इसके बाद लिफ्ट 21वीं मंजिल से 15वीं मंजिल पर जाकर झटके से रुकी फिर आठवीं मंजिल पर अटकी और 5वीं मंजिल पर झटके से रुककर भूतल पर जा गिरी। इस दौरान आन्या के घुटने में चोट आई है। टावर सी-12 में लिफ्ट में फंसे बच्चे की मां नेहा ने बताया कि उनका बेटा 12वीं मंजिल से लिफ्ट में सवार हुआ जो खराब हो गई और 11वीं मंजिल पर जाकर अटक गई। उनका बेटा आधे घंटे तक लिफ्ट में फंसा रहा। गार्ड और लिफ्ट स्टाफ ने गेट तोड़कर बच्चे को बाहर निकाला। वह काफी डरा हुआ है।

*पुलिस बोली हिंदी में दो तहरीर……*

आन्या के पिता बृजेश सक्सेना ने मेंटेनेंस और लिफ्ट का रखरखाव करने वालों के खिलाफ विजयनगर थाने में तहरीर दी। तहरीर उन्होंने अंग्रेजी में लिखकर दी। इस पर थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों ने हिंदी में लिखकर देने की बात कही। बृजेश का कहना है कि वह तहरीर दोबारा देंगे। विजयनगर थाना प्रभारी का कहना है कि तहरीर लौटाने की जानकारी नहीं है। यदि तहरीर लौटाई गई तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी।
काफी डरी हुई है बच्ची
पांचवीं मंजिल से लिफ्ट के नीचे गिरने पर आन्या के घुटने में काफी चोट आई है। डाक्टरों ने एक्सरे की सलाह दी है। परिजनों का कहना है कि घटना के बाद वह काफी डरी हुई है।
मेंटेनेंस टीम ने कहा अकेले लिफ्ट में क्यों भेजा
बृजेश सक्सेना ने बताया कि उन्होंने जब मेंटेनेंस टीम से इसकी शिकायत की तो उन्होंने कहा कि बच्चों को अकेले लिफ्ट में क्यों भेजा था? उन्होंने बताया कि इसी महीने में लिफ्ट में कई हादसे हो चुके हैं। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
बेसमेंट में नहीं लगा है अलार्म
आवंटी नंद नेगी का कहना है कि बेसमेंट में नेटवर्क नहीं आता। अलार्म भी काम नहीं करता है ऐसे में यदि कोई लिफ्ट फंस जाए तो सूचना नहीं दी जा सकती है। सोसायटी में 16 टावर हैं, सभी टावरों में लिफ्ट का मेंटेंनेस काफी खराब है। शिव मोहन तिवारी का कहना है कि मेटेंनेंस के नाम पर हर महीने आवंटियों से शुल्क लिया जा रहा है लेकिन सुविधा और सुरक्षा के नाम पर कुछ नहीं किया जा रहा है।

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