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महाराष्ट्र राजनीतिक संकट: नयी सरकार के गठन के लिए सभी की निगाहें राजभवन की ओर टिकी

महाराष्ट्र राजनीतिक संकट: नयी सरकार के गठन के लिए सभी की निगाहें राजभवन की ओर टिकी


मुंबई। उद्धव ठाकरे के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद, अब सभी की निगाहें राजभवन पर टिकी हैं कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी राज्य में अगली सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कब आमंत्रित करते हैं। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र के 55 विधायकों के सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के खिलाफ बगावत करने के बाद राज्य में सरकार बदलने की नौबत आई है।

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भाजपा के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार रात कोश्यारी से मुलाकात की थी और ठाकरे सरकार के बहुमत खोने का दावा करते हुए शक्ति परीक्षण कराने का अनुरोध किया था। इस पूरे प्रकरण के बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (62) ने बुधवार रात यहां राजभवन में राज्यपाल कोश्यारी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। उद्धव ठाकरे ने टेलीविजन पर एक संबोधन में कहा था, ‘‘ मैं यह खेल नहीं खेलना चाहता। शिवसेना प्रमुख (बाला साहेब ठाकरे) की वजह से राजनीतिक रूप से आगे बढ़े लोगों को अगर इस बात से खुशी मिलती है कि उन्होंने उनके (बाला साहेब) बेटे को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया, तो यह मेरी गलती है कि मैंने उन पर विश्वास किया।’’ ठाकरे के इस कदम की सोशल मीडिया पर कई लोगों ने तारीफ भी की।

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ठाकरे ने कहा कि वह खुश हैं कि वह औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने के अपने पिता के सपने को पूरा कर पाए। उद्धव ठाकरे नीत मंत्रिमंडल ने बुधवार को इन दोनों शहरों के नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। उद्धव ठाकरे के इस्तीफे से भाजपा के खेमे में खुशी की लहर दौड़ पड़ी, पार्टी के कई नेताओं ने मिठाइयां भी बांटीं। भाजपा के देवेंद्र फडणवीस के आज बृहस्पतिवार को अगली सरकार बनाने का दावा पेश करने, पार्टी की आगे की रणनीति सहित विभिन्न जानकारियां मीडिया के साथ साझा करने की उम्मीद है। 2014 से 2019 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे फडणवीस के एक बार फिर इस पद पर काबिज होने की उम्मीद है।

सूरत और गुवाहाटी के बाद गोवा के एक लग्ज़री होटल में ठहरे बागी विधायक एकनाथ शिंदे के भी जल्द ही मुंबई पहुंचने की संभावना है। यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि शिंदे का नेतृत्व वाला समूह किसी पार्टी से हाथ मिलाएगा या नहीं। शिंदे ने बुधवार रात एक बार फिर दोहराया था कि वह शिवसैनिक हैं और हमेशा शिवसेना में ही रहेंगे। इस बीच, महाराष्ट्र विधानमंडल के सचिव राजेंद्र भागवत ने एक बयान में कहा कि बृहस्पतिवार को विधानसभा का कोई विशेष सत्र नहीं बुलाया जाएगा, क्योंकि इसे शक्ति परीक्षण की वजह से बुलाया जा रहा था, लेकिन अब उसकी जरूरत नहीं है। एक अधिकारी ने बताया कि शिवसेना के बागी विधायकों के जल्द ही मुंबई लौटने की खबरों के बीच पुलिस ने शहर में सुरक्षा कड़ी कर दी है।

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