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नवरात्रि में कन्या पूजन के दौरान इन 7 बातों का रखें ध्यान! माता रानी होंगी प्रसन्न… पैसों से भर जाएगी झोली

नवरात्रि में कन्या पूजन के दौरान इन 7 बातों का रखें ध्यान! माता रानी होंगी प्रसन्न... पैसों से भर जाएगी झोली

9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है.जिसका समापन 17 अप्रैल को होगा. चैत्र नवरात्रि के दौरान 9 दिनों तक मां दुर्गा की बड़े धूमधाम से पूजा की जाती है. नवरात्रि के 9 दिन पूरे होने के बाद कन्या पूजन का विधान है. इस दौरान जो लोग 9 दिनों का उपवास रखते हैं, उन्हें अपने घर में कन्या पूजन जरूर करना चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है. कन्या पूजन करने से आपको उपवास का भी फल मिलता है. साथ ही घर में सुख शांति बनी रहती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल अष्टमी 16 अप्रैल और महानवमी 17 अप्रैल को पड़ रही है. आप इस दिन अपने घर कन्या पूजन कर सकते हैं.

पौराणिक कथाओं के मुताबिक नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि के दिन कन्याओं को भोजन कराने का विधान है. मान्यता है कि, नवरात्रि में उपवास रखने के बाद कन्या पूजन करने से माता रानी प्रसन्न होती है. आपको सुख-समृद्धि, धन-संपदा का आशीर्वाद मिलता है. साथ ही कन्या पूजन से कुंडली में 9 ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है. ऐसी स्थिति में अगर आप भी नवरात्रि में कन्याओं को भोजन कराते हैं तो इससे जुड़ी सभी जानकारी आज हम आपको बताएंगे.

कन्या पूजन का महत्व
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि नवरात्रि में कन्याओं को भोजन और उनका पूजन करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है.. नवरात्रि के 9 दिन पूरे होने के बाद कन्या पूजन का विधान है. इस दौरान जो लोग 9 दिनों का उपवास रखते हैं, उन्हें अपने घर में कन्या पूजन जरूर करना चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है. कन्या पूजन करने से आपको उपवास का भी फल मिलता है.

कन्या पूजन में इन 7 बातों का रखें ध्यान
1. कन्या पूजन करने से पहले सभी कन्याओं को प्यार से आमंत्रित करना चाहिए.2. कन्याओं के घर में प्रवेश होने पर पूरे परिवार के साथ उनका स्वागत करें.3. घर में कन्याओं को स्वच्छ स्थान पर बिठाकर उनके पैर को धोएं.4. सभी देवी स्वरूप कन्याओं के माथे पर अक्षत, फूल और कुमकुम लगाना चाहिए.5. मां भगवती का ध्यान करके सभी कन्याओं को भोजन कराएं.6. भोजन के उपरांत सभी कन्याओं को अपनी शक्ति के अनुसार कोई उपहार या पैसे दें.7. अंत में कन्याओं के जाते समय पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें और देवी मां को ध्यान करते हुए भूल के लिए क्षमा मांगें.

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