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अयोध्या, बाबरी मस्जिद और राम मंदिर…मुसलमानों को भड़काने उतरा 57 इस्लामिक देशों वाला OIC

अयोध्या, बाबरी मस्जिद और राम मंदिर...मुसलमानों को भड़काने उतरा 57 इस्लामिक देशों वाला OIC

अक्सर अपने मुद्दों पर शांत रहने वाला मुस्लिम देशों का 57 सदस्यई इस्लामिक संगठन ओआईसी ने एक बार फिर भारत के आतंरिक मुद्दे में कूद कर अपना असली रंग दिखा दिया है। हाल ही में अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन पर ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉरपोरेशन (ओआईसी) ने बड़ा बयान दिया है। ओआईसी ने एक बार फिर भारत के खिलाफ विवादित बयान देकर सुर्खियां बटोरी हैं। ओआईसी का कहना है कि जिस तरह से सैकड़ों साल पुरानी बाबरी मस्जिद को ढाह कर उस पर ये मंदिर बनाया गया उस पर वो गहरी चिंता व्यक्त करता है। ओआईसी का ये बयान राम मंदिर के उद्घाटन के बाद आया है। इस्लामिक संगठन की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि भारत के शहर अयोध्या में पहले से ध्वस्त बाबरी मस्जिद के स्थान पर राम मंदिर का निर्माण चिंताजनक है।

ओआईसी पांच शताब्दी पुरानी बाबरी मस्जिद को नष्ट करने के उद्देश्य से किए गए इन कार्यों की निंदा करता है। देखा जाए तो ओआईसी और पाकिस्तान के बायन में ज्यादा कुछ अंतर नहीं है। ओआईसी से पहले पाकिस्तान का भी एक बयान सामने आया था। जिसमें उसने भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह की निंदा की थी। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि अभिषेक समारोह भारत के बढ़ते बहुसंख्यकवाद का संकेत है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि ”चरमपंथियों की भीड़” ने बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया था। इसमें कहा गया, दुर्भाग्य से भारत की सर्वोच्च न्यायपालिका ने न केवल इस घृणित कृत्य के लिए जिम्मेदार अपराधियों को बरी कर दिया, बल्कि ध्वस्त मस्जिद के स्थान पर एक मंदिर के निर्माण की भी अनुमति दे दी।

क्या है ओआईसी

ओआईसी दुनियाभर के 57 मुस्लिम बहुल देशों का संगठन है। इसी पर सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों का दबदबा है। लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि सऊदी अरब दुनिया के उन टॉप 10 देशों में भी शामिल नहीं है, जहाँ मुस्लिम आबादी सबसे ज़्यादा हैं। सदस्य देशों के अलावा रूस, थाईलैंड और कुछ दूसरे छोटे देशों को ऑफिसर का स्टेटस मिला हुआ है।

भारत नहीं है सदस्य

वैसे तो ये संगठन खुद की पहचान मुस्लिम दुनिया की सामूहिक आवाज के तौर पर करता है। लेकिन जिस भारत देश में दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा आबादी रहती है वो इसका सदस्य नहीं है औऱ ना ही उसे पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है। पाकिस्तान लगातार भारत को इस मंच से दूर रखने की कोशिश करता आया है।

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