Hajipur पर रार, चिराग चुनाव लड़ने को तैयार, पाशुपति पारस बोले- उन्हें जमुई से हार का डर
Hajipur पर रार, चिराग चुनाव लड़ने को तैयार, पाशुपति पारस बोले- उन्हें जमुई से हार का डर

विपक्षी एकता की बैठक के बीच आज एनडीए भी अपना शक्ति प्रदर्शन करेगा। दिल्ली में आज एनडीए की बड़ी बैठक होनी है। बिहार में भी एनडीए ने अपना कुनबा बढ़ा कर लिया है। बिहार में कई राजनीतिक दल एनडीए में शामिल हुए हैं जिसमें चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास और उनके चाचा पशुपति पारस की भी पार्टी शामिल है। 2019 के चुनाव में दोनों रामविलास पासवान के नेतृत्व में चुनावी मैदान में उतरे थे। हालांकि, रामविलास पासवान के निधन के बाद पार्टी में बटवारा हो गया। ऐसे में चाचा और भतीजे के बीच हाजीपुर सीट को लेकर रार तेज हो गई है।
एनडीए का दावा
चिराग पासवान ने साफ तौर पर कहा है कि वह किसी भी कीमत पर हाजीपुर से चुनावी मैदान में उतरेंगे। इसको लेकर उन्होंने अपना भावनात्मक कनेक्शन भी बताया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि हर कोई अपना दावा करता है। मेरे चाचा वहां से मौजूदा सांसद हैं। लेकिन हाजीपुर से दावेदारी के मेरे अपने कारण है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जबसे मैंने होश संभाला है, तबसे अपने पिता को वहां से प्रतिनिधित्व करते हुए देखा है। ऐसे में वहां उनके कुछ काम रह गए हैं। उनकी जिम्मेदारी को मुझे निभाना है। इसलिए मैं उस सीट पर लडूंगा। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि हमारी पार्टी हाजीपुर से चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी अपने चाचा के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की।
पशुपति पारस का पलटवार
दूसरी ओर पशुपति पारस हाजीपुर को लेकर अपना दावा ठोक रहे हैं। पशुपति पारस ने यह भी कहा कि उन्हें जमुई के जनता को धोखा नहीं देना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि जब हाजीपुर से उन्हें लड़ना था तो 2019 में क्यों नहीं लड़े? अब उन्हें जमुई से हार का डर सता रहा है। इसलिए वह हाजीपुर से चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका हाजीपुर से चुनाव लड़ने का दावा निराधार है. मैं उन्हें सलाह देना चाहूंगा कि उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के साथ विश्वासघात नहीं करना चाहिए और अपनी वर्तमान सीट से चुनाव लड़ना चाहिए।