2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने पर औवैसी ने साधा मोदी पर निशाना, पूछे पांच सवाल
2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने पर औवैसी ने साधा मोदी पर निशाना, पूछे पांच सवाल

एआईएमआईए प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2,000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने के कदम को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए। आरबीआई ने अधिसूचित किया कि बैंक 30 सितंबर तक 2,000 रुपये के नोटों को बदल देंगे। आरबीआई के कदम को लेकर विपक्ष ने केंद्र पर निशाना साधा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने जहां 2,000 रुपये के नोट को 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों को बंद करने के ‘मूर्खतापूर्ण फैसले’ को छिपाने के लिए ‘बैंड-ऐड’ बताया, वहीं ममता बनर्जी ने इसे ‘भारतीय से अरब डॉलर का धोखा’ करार दिया।
ओवैसी ने भी शनिवार को आरबीआई के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पांच सवाल किए। उन्होंने पीएमओ को टैग करते हुए एक ट्वीट किया। उन्होंन लिखा- शीर्ष अर्थशास्त्री पीएम मोदी से पांच सवाल:- आपने 2000 का नोट सबसे पहले क्यों पेश किया? क्या हम उम्मीद कर सकते हैं कि 500 के नोट जल्द ही वापस ले लिए जाएंगे? 70 करोड़ भारतीयों के पास स्मार्टफोन नहीं है। वे डिजिटल भुगतान कैसे करते हैं? डेमो 1.0 और 2.0 करने में बिल गेट्स के स्वामित्व वाले बेटर दैन कैश एलायंस की क्या भूमिका है? क्या एनपीसीआई को चीनी हैकर्स द्वारा हैक किया जा रहा है? यदि हां, तो युद्ध होने पर भुगतान का क्या होगा?
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘कुछ लोगों को अपनी गलती देर से समझ आती है… 2000 रुपये के नोट के मामले में भी ऐसा ही हुआ है। लेकिन इसकी सज़ा इस देश की जनता और अर्थव्यवस्था ने भुगती है।” इसी ट्वीट में यादव ने कहा है, “शासन मनमानी से नहीं, समझदारी और ईमानदारी से चलता है।” दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी 2000 के नोट का इस्तेमाल बंद करने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया, “पहले बोले 2000 का नोट लाने से भ्रष्टाचार बंद होगा। अब बोल रहे हैं 2000 का नोट बंद करने से भ्रष्टाचार ख़त्म होगा। इसीलिए हम कहते हैं, प्रधानमंत्री पढ़ा लिखा होना चाहिए। एक अनपढ़ पीएम को कोई कुछ भी बोल जाता है। उसे समझ आता नहीं है। भुगतना जनता को पड़ता है।”