राजनीति

Bihar में भाजपा की जीत का PM मोदी ने किया विशेष जिक्र, बोले- यह आने वाले दिनों का स्पष्ट संकेत

Bihar में भाजपा की जीत का PM मोदी ने किया विशेष जिक्र, बोले- यह आने वाले दिनों का स्पष्ट संकेत

देश में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजों के साथ-साथ कई उपचुनाव के नतीजे आए हैं। जिस उपचुनाव पर सबसे ज्यादा नजर थी, उसमें बिहार की कुढ़नी सीट भी थी। कुढ़नी सीट पर मुख्य मुकाबला जदयू और भाजपा के बीच था। बिहार में एनडीए गठबंधन से अलग होने के बाद यह पहला अवसर था, जब भाजपा और जदयू आमने-सामने थी। इस चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार केदार प्रसाद गुप्ता ने जीत हासिल की है। उन्होंने जदयू उम्मीदवार मनोज सिंह कुशवाहा को हराया है। इस जीत के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि कुढ़नी में खुद नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव प्रचार करने पहुंचे थे। दोनों नेताओं की ओर से पूरा जोर भी लगाया गया था। बावजूद इसके भाजपा ने यहां से जीत हासिल करने में कामयाबी पाई है। इसके बाद अब भाजपा जबरदस्त तरीके से नीतीश कुमार पर हमलावर है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाम में भाजपा कार्यालय में अपने संबोधन के दौरान बिहार में भाजपा की कुढ़नी सीट पर मिली जीत का विशेष तौर पर जिक्र किया। अपने बयान में उन्होंने साफ तौर पर कहा कि आने वाले दिनों का स्पष्ट संकेत है। उन्होंने कहा कि बिहार के उपचुनाव में भाजपा का प्रदर्शन आने वाले दिनों का स्पष्ट संकेत कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन इस मायने में भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि हाल में ही बिहार के 2 सीटों पर उपचुनाव हुए थे। गोपालगंज सीट को भाजपा जीतने में कामयाब रही थी। वहीं, बाहुबली अनंत सिंह के इलाके मोकामा में भी भाजपा ने कड़ी चुनौती पेश की थी। यह पहला मौका था जब भाजपा वहां मजबूती से चुनाव लड़ रही थी। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कुढ़नी में भाजपा को मिली जीत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा है।

सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार के महागठबंधन ने कुढ़नी में करोड़ों रूपये पानी की तरह बहाये, सारे हथकंडे अपनाए, फिर भी वहां के मतदाजाओं ने भाजपा की जीत पक्की की। उन्होंने कहा कि चुनाव में लालू जी के नाम का भी उपयोग किया गया, उनके किडनी प्रतिरोपण का विषय उठाकर भावनात्मक कार्ड खेला गया, मुख्यमंत्री ने भी कई सभाएं की और इस चुनाव को प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया। आपको बता दें कि 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और जदयू एक साथ मिलकर मैदान में उतरी थी। कांटे की टक्कर में एनडीए गठबंधन ने जीत हासिल की। भाजपा को ज्यादा सीटें मिली। बावजूद इसके नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने। हालांकि, इसी साल अगस्त महीने में नीतीश कुमार ने भाजपा से गठबंधन तोड़कर राजद के महागठबंधन में शामिल होने का फैसला किया। इसके बाद फिलहाल भाजपा बिहार में विपक्ष की भूमिका निभा कैसी है।

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