उद्योग जगत

भारत का श्रीलंका के साथ व्यापार ठप पड़ा: निर्यातक

भारत का श्रीलंका के साथ व्यापार ठप पड़ा: निर्यातक


नयी दिल्ली| श्रीलंका में अशांति के हालात बनने की वजह से भारत के साथ उसका व्यापार लगभग ठप पड़ गया है और ऐसी स्थिति में अपने भुगतान को लेकर निर्यातकों की चिंताएं बढ़ रही हैं।

भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के उपाध्यक्ष खालिद खान ने कहा, ‘‘हमारा निर्यात और आयात पूरी तरह से ठप पड़ गया है। निर्यातक राजनीतिक संकट और भुगतान को लेकर बहुत अधिक सतर्क हैं।’’ हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि श्रीलंका में नई सरकार बनने के बाद स्थिति सुधर सकती है।

श्रीलंका सात दशक के सबसे अभूतपूर्व आर्थिक संकट से जूझ रहा है। यहां जनता को भोजन, दवाएं, ईंधन और अन्य आवश्यक सामान खरीदने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि राजनीतिक स्थिरता आने से व्यापार बहाली होने में मदद मिलेगी।

उन्होंने बताया, ‘‘फिलहाल ऐसे सामान वहां भेजे जा रहे हैं जो एसबीआई या एग्जिम बैंक द्वारा उपलब्ध करायी गयी ऋण सुविधा के तहत आते हैं। इनमें उद्योग के लिये कच्चा माल, दवा, उर्वरक, खाद्य और कपड़ा शामिल है।’’

वित्त वर्ष 2021-22 में भारत से श्रीलंका को 5.8 अरब डॉलर का निर्यात हुआ था, इस साल अप्रैल में यह 55 करोड़ डॉलर था। पिछले वित्त वर्ष में एक अरब डॉलर का आयात हुआ था जबकि अप्रैल 2022 में यह 7.468 करोड़ डॉलर था। भारत और श्रीलंका के बीच मुक्त व्यापार समझौता वर्ष 2000 में हुआ था।

मुंबई के निर्यातक एवं टेक्नोक्राफ्ट इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष शरद कुमार सर्राफ बताते हैं, ‘‘व्यापार तेजी से कम हुआ है। निर्यातक भुगतान को लेकर चिंतित हैं। श्रीलंका के साथ मेरा व्यापार जनवरी से 25 फीसदी घट गया।’’

वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के महानिदेशक राजेश मेनन ने कहा कि श्रीलंका घरेलू वाहन उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है। उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि वहां आर्थिक स्थिति जल्द से जल्द बेहतर होगी।

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