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Loksabha Election 2024 की तैयारियां तेज, BJP ने पश्चिम यूपी को साधने के लिए किया ये काम

Loksabha Election 2024 की तैयारियां तेज, BJP ने पश्चिम यूपी को साधने के लिए किया ये काम

भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में तेजी ला दी है। भाजपा ने शनिवार को ही अपनी नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की है। इस कार्यकारिणी में अहम बदलाव किए गए हैं जो की लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए दिए गए है। नई कार्यकारिणी में भाजपा ने पश्चिम उत्तर प्रदेश पर ध्यान दिया है। यूपी से आठ और पश्चिम उत्तर प्रदेश से कुल चार नेताओं को जेपी नड्डा की टीम में शामिल किया गया है।

पसमांदा पर खास फोकस

पश्चिम उत्तर प्रदेश से सबसे हैरान करने वाला चेहरा तारिक मंसूर का रहा जो एएमयू के कुलपति रह चुके है। वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम की काफी तारिफ कर चुके है। उन्होंने खुद ही अपना पद छोड़ा था। इसके बाद बीजेपी ने यूपी से उन्हें एमएलसी बनाया था। उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। इस कदम के जरिए पार्टी ने मुसलमानों को साधा है। गौरतलब है कि राज्य के मुसलमानों का वोटबैंक हासिल करने में पार्टी जुटी हुई है। बीजेपी पसमांदा के मुस्लिमों को जोड़ने के लिए स्नेह यात्रा भी निकालने में जुटी है।

गुर्जरों पर भी है नजर

बीजेपी ने गौतम बुद्ध नगर और बुलंदशहर से कारोबारी और राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर को राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो इससे पहले बीजेपी उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष थे। नागर को राष्ट्रीय सचिव बनाए जाने के बाद माना जा रहा है कि ये पार्टी ने गुर्जर वोटों को हासिल करने के लिए किया है। पश्चिम यूपी में खतौली विधानसभा में हुए उपचुनाव में गुर्जर वोटों को भाजपा से छीना था। निकाय चुनाव के दौरान भी गुर्जर वोट बैंक का अधिक प्रेम बीजेपी को नहीं मिला था, जिसे पार्टी लोकसभा चुनाव में नहीं दोहराना चाहेगी। इस परेशानी को समेटने के लिए पार्टी ने राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर पर दांव चला है। बता दें कि हाल ही में सहारनपुर में भी महाराज मिहिरभोज में भी गुर्जरों और राजपूतों में टकराव हुआ था। इस दौरान भी सराकर ने चुप्पी साधे रखी जिसेस गुर्जर समाज पार्टी से नाराज है। ऐसे में सुरेंद्र सिंह नागर पर गुर्जर समाज को मनाकर साथ लाने की बड़ी जिम्मेदारी होगी। बता दें कि राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर वर्ष 2009 में पहली बार बीएसपी से राज्यसभा सांसद बने थे। बाद में वो भाजपा में आ गए। वहीं माना जा रहा है कि नागर को आगामी जम्मू कश्मीर, मध्यप्रदेश और राज्सथान चुनाव में भी बड़ी भूमिका दी जा सकती है।

ब्राह्मणों के लिए भी खास कवायद

पश्चिमी यूपी को साधने के लिए बीजेपी ने हर कोशिश की है। इस कड़ी में मेरठ के विधायक रह चुके और वर्तमान में राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेयी को भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है, जो पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके है। वाजपेयी को झारखंड की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी। वर्ष 2014 में भी उनके यूपी अध्यक्ष रहने के दौरान ही पार्टी ने यहां 73 सीटें हासिल की थी। वो वर्ष 2022 में राज्यसभा जाने के बाद से राजनीति में अच्छे से सक्रिय है। वो राज्य में ब्राह्मण चेहरा है, जिससे पार्टी को काफी आशाएं है।

वैश्यों के लिए भी खास

भाजपा ने हर समुदाय की तरह वैश्य समुदाय को साधने के लिए भी पूरे इंतजाम किए है। बीजेपी ने बरेली के कद्दावर नेता और पांच बार के विधायक पूर्व मंत्री राजेश अग्रवाल को फिर से कोषाध्यक्ष बनाया है, जिनकी वैश्य समाज में शानदार पैठ है। वो संघ के नेता है और हिंदुत्व विचारधारा के भी प्रखर वक्ता है। समाज के हितों, हिंदुत्व के मुद्दों पर वो लगातार आवाज उठाते रहे है।

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