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नेहरू सरनेम रखने में क्या शर्मिंदगी है’, पीएम मोदी के खिलाफ कांग्रेस का विशेषाधिकार प्रस्ताव

नेहरू सरनेम रखने में क्या शर्मिंदगी है', पीएम मोदी के खिलाफ कांग्रेस का विशेषाधिकार प्रस्ताव

कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने पिछले संसद सत्र के दौरान अपने भाषण में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए शुक्रवार को राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार का प्रस्ताव पेश किया। फरवरी में भाषणों में से एक में मोदी ने गांधी परिवार के सदस्यों पर सीधा हमला किया था और पूछा था कि उन्हें नेहरू उपनाम का उपयोग करने में शर्म क्यों आती है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी द्वारा गैर कांग्रेसी सरकारों को गिराने के लिए अनुच्छेद 356 का बार-बार उपयोग करने के लिए आलोचना की थी।

पीएम मोदी ने संघवाद के मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्रियों नेहरू और गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकारों ने कई क्षेत्रीय दलों की राज्य सरकारों को गिराने के लिए कम से कम 90 बार संविधान के अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल किया। मोदी ने आरोप लगाया कि राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियों की सरकारों को गिराने के लिए इंदिरा गांधी ने अकेले अनुच्छेद 356 का 50 बार इस्तेमाल किया।राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए मोदी ने कहा, ‘मैंने किसी अखबार में पढ़ा था, मैंने इसकी पुष्टि नहीं की है, लेकिन एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 600 सरकारी योजनाएं केवल गांधी-नेहरू परिवार के नाम पर हैं।

पीएम मोदी ने कहा था कि अगर नेहरू जी का नाम हमारे द्वारा छोड़ दिया जाता है, तो हम अपनी गलती सुधार लेंगे क्योंकि वे देश के पहले प्रधानमंत्री थे। लेकिन मेरी समझ में नहीं आता कि नेहरू सरनेम रखने से उनके गोत्र में कोई क्यों डरता है? क्या नेहरू उपनाम रखने में कोई शर्म है? शर्म किस बात की जब परिवार इतनी बड़ी शख्सियत को स्वीकार करने को तैयार नहीं है तो आप हमसे सवाल क्यों करते हैं। उनका निशाना कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और सोनिया गांधी थे।

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