Republic Day 2023:गणतंत्र दिवस पर इस बार कौन होगा भारत का चीफ गेस्ट? अब तक सिर्फ 1 बार चीन से बुलाया गया मेहमान, नेहरू थे प्रधानमंत्री
Republic Day 2023:गणतंत्र दिवस पर इस बार कौन होगा भारत का चीफ गेस्ट? अब तक सिर्फ 1 बार चीन से बुलाया गया मेहमान, नेहरू थे प्रधानमंत्री

दिल्ली सज धज कर तैयार है बलिदान समर्पण उपलब्धि के अभूतपूर्व लम्हे को मनाने के लिए। 72 साल पहले घड़ी में 10 बजकर 18 मिनट हो रहे थे। जब 21 तोपों की सलामी के साथ भारतीय गणतंत्र का ऐतिहासिक ऐलान हुआ था। 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस जब दूसरे देशों के राष्ट्रप्रमुख, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया जाता रहा है। हर वर्ष 26 जनवरी को देश की राजधानी दिल्ली के राजपथ पर भारत अपनी संस्कृति और शौर्य का प्रदर्शन करता है। बीते दो साल से कोरोना महामारी के चलते चीफ गेस्ट के तौर पर कोई सम्मलित नहीं हुआ है। 1952 और 1953 में भी गणतंत्र दिवस परेड में कोई मुख्य अतिथि शामिल नहीं हो सका था। गणतंत्र दिवस समारोह में मिस्त्र के राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे।
भारत के गणतंत्र दिवस में विशेष सम्मान के लिए निमंत्रण क्यों भेजा जाता है
गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि की यात्रा किसी भी विदेशी उच्च गणमान्य व्यक्ति की राज्य यात्रा के समान है। यह सर्वोच्च सम्मान है जो भारतीय प्रोटोकॉल के मामले में एक अतिथि को दिया जाता है। मुख्य अतिथि को राष्ट्रपति भवन में औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है। वह शाम को भारत के राष्ट्रपति द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में भाग लेते हैं। वह राजघाट पर पुष्पांजलि अर्पित करते हैं। उनके सम्मान में प्रधानमंत्री द्वारा लंच का आयोजन किया जाता है।
1958 में पंडित जवाहर लाल नेहरू के काल में ही चीफ गेस्ट बुलाया गया था। इसके बाद चीन से कभी कोई मुख्य अतिति के रूप में गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल नहीं हुआ। बता दें कि ये वो 1950 का दौर था जब पीएम नेहरू ने चीन के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों के काफी प्रयास किए थे जिनका नतीजा 1954 में हुआ पंचशील समझौता था। दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण सह अस्तित्व को लेकर हुआ ये समझौता तब बेहद महत्वपूर्ण माना गया था।