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उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ द्वारा किया गया एक दिवसीय कार्य बहिष्कार

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ द्वारा किया गया एक दिवसीय कार्य बहिष्कार

चेयरमैन एम देवराज की उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों के विरोध में बिजली अभियन्ताओं ने किया पूरे दिन का कार्य बहिष्कार : कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सभी क्षेत्रीय मुख्यालय व विद्युत उत्पादन परियोजनों पर किया गया विरोध प्रदर्शन : प्रबन्धन स्तर की सभी बैठकों व वीडियो कॉन्फ्रेसिंग का किया बहिष्कार : बिजली आपूर्ति में लगे अभियन्ता आपूर्ति सुनिश्चित कर रहे हैं जिससे मरीजों एवं आम जन को कोई तकलीफ न हो :

उप्रराविप अभियन्ता संघ द्वारा विद्युतकर्मियों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित कर प्राथमिकता पर वैक्सीन लगवाने, अच्छे स्तर की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने, कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने जैसी संवेदनशील मांगों एवं समस्याओं के सार्थक निराकरण कराए जाने हेतु प्रबन्धन व सरकार के समक्ष लगातार अनुरोध करने व पत्र प्रेषित किये जाने से नाराज़ पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन श्री एम देवराज द्वारा विद्युत कर्मियों की मांगों एवं समस्याओं पर ध्यान न देकर संघ के पदाधिकारियों को टारगेट कर उनके उत्पीड़न किये जाने के विरोध में बिजली अभियन्ताओं ने अपना आंदोलन तेज करते हुए सभी क्षेत्रीय मुख्यालयों व उत्पादन परियोजनाओं पर कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पूरे दिन का कार्य बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन किए। अनपरा, ओबरा, पिपरी, पनकी, पारीछा, हरदुआगंज, गोरखपुर, वाराणसी, आज़मगढ़, बस्ती, प्रयागराज, फैज़ाबाद, गोंडा, बरेली, कानपुर, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, सहारनपुर, मोरादाबाद, मेरठ, नोएडा, गाज़ियाबाद आदि विभिन्न शहरों में सैकड़ों की संख्या में अभियन्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। लखनऊ में मध्यांचल मुख्यालय पर विरोध सभा हुई। विदित हो कि असहयोग कार्यक्रम के चलते चेयरमैन व प्रबंध निदेशकों के व्हाट्सअप ग्रुप से लगभग 2500 अभियन्ता पहले ही एग्जिट होकर अपना विरोध दर्ज करा चुके है। इससे अब चेयरमैन व प्रबंध निदेशकों के व्हाट्सअप ग्रुप निष्प्रयोज्य हो गए है। चेयरमैन, प्रबंध निदेशक व निदेशक स्तर तक की होने वाली सभी वीडियो कॉफ्रेंसिंग का बहिष्कार जारी है।
विद्युत अभियंता संघ के अध्यक्ष वी पी सिंह ने जारी बयान में कहा कि अभियन्ताओं के प्रति चेयरमैन की बढ़ती उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियों से सभी अभियंताओं में भारी रोष व आक्रोश है। इसी आक्रोश व उद्वेलन के कारण असहयोग कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसी क्रम में बिजली अभियन्ताओं ने कोविड प्रोटोकॉल का पूरा पालन करते हुए पूरे प्रदेश में पूरे दिन का कार्य बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन किए। कोविड-19 महामारी के संक्रमण को देखते हुए आम लोगों को सुचारू बिजली आपूर्ति देने के साथ-साथ अस्पतालों व आक्सीजन प्लांटों की बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु सभी अभियंता बखूबी बिजली व्यवस्था संभाल रहे हैं ताकि किसी भी प्रकार से बिजली व्यवस्था बाधित न होने पाए और आमजन एवं मरीजों को कोई दिक्कत न हो।
उन्होंने पुनः कहा कि संघ के पदाधिकारियों द्वारा विद्युत अभियन्ताओं एवं कर्मचारियों की प्रमुख समस्याओं जैसे-विद्युत कर्मियों फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करना एवं उन्हें प्राथमिकता पर वैक्सीन लगवाने, कोविड के इलाज में लाखों रूपये के खर्चे के दृष्टिगत कैशलेस चिकित्सा उपलब्ध कराना, कोरोना से संक्रमित विद्युत कर्मियों को उच्च स्तर की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना, कोरोना से दिवंगत अभियन्ताओं के आश्रितों को 50 लाख की अनुग्रह राशि उपलब्ध कराना, आश्रितों को योग्यता के अनुसार नियुक्तियां देना आदि जैसी तात्कालिक एवं सहानुभूतिपूर्वक विचार योग्य समस्याओं को प्रबन्धन के समक्ष उठाने पर चेयरमैन का नाराज होकर संघ के पदाधिकारियों को टारगेट कर उनके विरूद्ध उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां शुरू कर ऊर्जा निगमों में जान बूझकर टकराव उत्पन्न कराना समझ से परे है।
उन्होंने आगे बताया कि चेयरमैन, प्रबन्ध निदेशक, निदेशकों द्वारा की जाने वाली वीडियो कान्फ्रेंसिंग का भी पूरी तरह से बहिष्कार हो रहा है और विद्युत अभियन्ताओं एवं कर्मचारियों की जायज मांगों के निराकरण के लिए एवं उत्पीड़न व अन्याय के विरूद्ध आन्दोलन जारी रहेगा। बिजली अभियन्ताओं के असहयोग कार्यक्रम के दौरान यदि किसी पदाधिकारी अथवा अन्य किसी अभियन्ता का किसी भी प्रकार का उत्पीड़न किया गया तो सभी ऊर्जा निगमों के तमाम विद्युत अभियन्ता उसी क्षण सीधी कार्यवाही करने को बाध्य होंगे जिसका सारा उत्तरदायित्व पावर कॉर्पोरशन के चेयरमैन का होगा।
विद्युत अभियन्ताओं ने मा0 मुख्यमंत्री जी एवं मा0 ऊर्जा मंत्री जी से ऊर्जा निगमों में अनावश्यक टकराव एवं औद्योगिक अशान्ति टालने एवं कार्य का स्वस्थ वातावरण बनाये रखने हेतु हस्तक्षेप करने की अपील की।

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