उद्योग जगत

बैंकों के फंसे कर्ज में बड़ी कमी आने की उम्मीद, लेकिन छोटे उद्योगों के मामले में चिंता

बैंकों के फंसे कर्ज में बड़ी कमी आने की उम्मीद, लेकिन छोटे उद्योगों के मामले में चिंता


मुंबई। बैंकों में सकल गैर-निष्पादित आस्तियां यानी फंसा कर्ज चालू वित्त वर्ष में 0.90 प्रतिशत घटकर पांच प्रतिशत पर आ जाने का अनुमान है। इसका कारण बड़ी कंपनियों को दिये गये कर्ज के मामलों में सुधार है। क्रिसिल रेटिंग्स ने बुधवार को रिपोर्ट में यह कहा। इतना ही नहीं वित्त वर्ष 2023-24 में इसमें और कमी आएगी और इसके एक दशक के निचले स्तर चार प्रतिशत पर आने का अनुमान है। क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि फंसे कर्ज को लेकर सभी चीजें अच्छी नहीं है।

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बैंकों के सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) को दिये गये कर्ज को लेकर चिंता है। एमएसएमई कोविड-19 से प्रभावित क्षेत्रों में से एक है। इस क्षेत्र में सकल एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) मार्च, 2024 तक बढ़कर 10-11 प्रतिशत हो सकता है जो 31 मार्च, 2022 को 9.3 प्रतिशत था। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘पिछले वित्त वर्ष में राहत उपायों से संपत्ति की गुणवत्ता के मामले में स्थिति कुछ ठीक रही।

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हालांकि, इस क्षेत्र में सर्वाधिक छह प्रतिशत कर्ज पुनर्गठन हुआ है जबकि कुल मिलाकर बैंकों में यह दो प्रतिशत रहा। इसमें से करीब एक-चौथाई खाते फंसे कर्ज में तब्दील हो सकते हैं।’’ इसमें कहा गया है कि एमएसएमई के उलट बड़ी कंपनियों का कर्ज के मामले में प्रदर्शन अच्छा है। एजेंसी ने कहा कि बड़ी कंपनियों के मामले में सकल एनपीए में अच्छा सुधार होने की उम्मीद है। इनके मामले में फंसा कर्ज अगले वित्त वर्ष में घटकर दो प्रतिशत से नीचे आने का अनुमान है जो 31 मार्च, 2018 को 16 प्रतिशत था।

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