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यूपी BJP अध्यक्ष होंगे भूपेंद्र चौधरी?: पश्चिमी यूपी और जाटों को साधने की तैयारी, मिशन 2024 में जुटी भाजपा

यूपी BJP अध्यक्ष होंगे भूपेंद्र चौधरी?: पश्चिमी यूपी और जाटों को साधने की तैयारी, मिशन 2024 में जुटी भाजपा

अभी तक प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में चौधरी भूपेंद्र सिंह को सबसे आगे माना जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जाट चेहरा लाकर भाजपा जहां किसान आंदोलन के कारण पार्टी से दूर माने जा रहे जाटों और किसानों को साध सकती है, वहीं पश्चिमी यूपी में पार्टी का आधार और मजबूत कर सकती है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह के हवाले हो सकती है। अभी तक प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में उन्हें सबसे आगे माना जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जाट चेहरा लाकर भाजपा जहां किसान आंदोलन के कारण पार्टी से दूर माने जा रहे जाटों और किसानों को साध सकती है, वहीं पश्चिमी यूपी में पार्टी का आधार और मजबूत कर सकती है।

लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर पार्टी पश्चिमी यूपी के नेता को अध्यक्ष की जिम्मेदारी देना चाहती है। जाट वोट बैंक को साधने के लिए चौधरी सबसे मजबूत नेता माने जा रहे हैं। ऐसे में पश्चिमी यूपी में रालोद और सपा के गठबंधन का असर कम करने के लिए उनको आगे किया जाना लगभग तय हो गया है। इससे पश्चिमी यूपी की जाटों के प्रभाव वाली डेढ़ दर्जन लोकसभा सीटों पर भाजपा को फायदा हो सकता है।

पूरे प्रदेश में भी पिछड़े वोट बैंक को साधने में मदद मिलेगी। चौधरी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के करीबी हैं। वह बुधवार को आननफानन आजमगढ़ से दिल्ली बुला लिए गए। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यूपी में 80 में से 71 सीटों पर जीत दर्ज की थी। यही नहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रदेश की सत्ता में वापसी की थी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के सामने उसे पश्चिमी यूपी में मुरादाबाद मंडल की लोकसभा की सभी छह सीटें (मुरादाबाद, बिजनौर, नगीना, अमरोहा, संभल और रामपुर) गंवानी पड़ी थीं। सहारनपुर मंडल में सहारनपुर सीट भी भाजपा हार गई थी।

मुजफ्फरनगर में मामूली मतों से जीत हासिल की थी। मेरठ और बागपत लोकसभा सीट पर भी भाजपा की जीत का अंतर कम रहा था। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में पश्चिमी यूपी में सपा-रालोद गठबंधन का प्रदर्शन बेहतर रहा है। पहले कीतुलना में गठबंधन की सीटें बढ़ीं। जाट मतदाताओं का झुकाव सपा-रालोद गठबंधन की ओर देखने को मिला।

ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा पश्चिमी यूपी में जाट मतदाताओं को साधने की तैयारी मेें है। इस सियासी बिसात में संगठन का लंबा तजुर्बा, जाट बिरादरी और राजनीतिक अनुभव प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए कैबिनेट मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह के पक्ष में हैं। भूपेंद्र चौधरी वर्ष 2007 से 2012 तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय मंत्री रहे । वहीं, 2011-2018 तक लगातार तीन बार पश्चिमी यूपी के क्षेत्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को यूपी में 16 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। इसमें सात सीटें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की शामिल हैं। इसमें भी मुरादाबाद मंडल की सभी छह सीटें शामिल थीं, जबकि एक सीट सहारनपुर की थी। ये आंकड़े भी वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए अहम हैं।

33 वर्षों से भाजपा के काम कर रहे चौधरी भूपेंद्र सिंह ने वर्ष 1999 में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा था। पार्टी ने उन्हें संभल से लोकसभा प्रत्याशी बनाया था। हालांकि वह चुनाव हार गए।

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