सूखे नाले की सफाई कर रहे मजदूरों पर गिरा लेंटर, दो की मौत, एक गंभीर
सूखे नाले की सफाई कर रहे मजदूरों पर गिरा लेंटर, दो की मौत, एक गंभीर

हादसे में तीन मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने घायलों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने दादरी के कलौंदा निवासी रेहान (20) और दिलशाद (19) को मृत घोषित कर दिया। वहीं साहिल (25) की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
चाई-4 सेक्टर में कासना लिंक सूखे नाले की सफाई कर रहे मजदूरों पर लेंटर और दीवार गिर गई। हादसे में तीन मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने घायलों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने दादरी के कलौंदा निवासी रेहान (20) और दिलशाद (19) को मृत घोषित कर दिया। वहीं साहिल (25) की स्थिति गंभीर बनी हुई है। ग्रेनो प्राधिकरण के महाप्रबंधक ने मौके पर पहुंचकर जांच की। प्रथम दृष्टया जांच में घटिया सामग्री से निर्माण की बात सामने आई है। प्राधिकरण के सीईओ सुरेंद्र सिंह ने निर्माण करने वाली ठेकेदार फर्म के खिलाफ केस दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
सेक्टर चाई-4 में पेरिफेरल रोड पर ईडब्ल्यूएस सोसाइटी के सामने ग्रेनो प्राधिकरण की ओर से जलभराव कम करने के लिए बृहस्पतिवार को सूखे नाले की सिल्ट हटाने का काम कराया जा रहा था। दोपहर 12 बजे करीब दो मीटर गहरे और डेढ़ मीटर चौड़े नाले में काम कर रहे मजदूरों पर लेंटर और दीवार भरभरा कर गिर गई। हादसे में तीन मजदूर मलबे में दब गए। लेंटर गिरने की आवाज सुनते ही आसपास काम कर रहे अन्य मजदूर और स्थानीय लोग बचाने के लिए भागे। इस बीच कुछ लोगों ने पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस और मजदूरों ने घायलों को किसी तरह मलबे से बाहर निकालकर यथार्थ अस्पताल पहुंचाया। जहां उपचार के दौरान रेहान और दिलशाद की मौत हो गई। जबकि साहिल की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
घटना की सूचना मिलते ही प्राधिकरण के महाप्रबंधक केआर वर्मा टीम के साथ मौके पर पहुंचे। टीम ने जांच के बाद कहा है कि प्रथम दृष्टया निर्माण की गुणवत्ता खराब होने के कारण लेंटर टूटने की बात सामने आई है। लेंटर में निमभन गुणवत्ता वाले सरिया का इस्तेमाल किया गया था। दीवार बनाने में भी घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया था। उधर, सीईओ ने नाले का निर्माण करने वाली संबंधित एजेंसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही इसके गुणवत्ता की उच्चस्तरीय तकनीकी संस्था से कराकर दोषी तत्कालीन अधिकारियों व ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्राधिकरण अफसरों की लापरवाही से गई जान, जिम्मेदार कौन
लोगों ने हादसे के लिए प्राधिकरण के अफसराें की को जिम्मेदार बताया है। लोगों ने कहा कि एजेंसी ने काम की गुणवत्ता की जांच में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। आरोप है कि यदि प्राधिकरण के तत्कालीन अधिकारी नाले के निर्माण की जांच करते तो उसी समय घटिया सामग्री की बात सामने आ जाती और यह घटना न होती।