स्वास्थय

प्रकृति का अनमोल वरदान हैं ये 3 जड़ी-बूटियां, बीमारियों से बचाने में हैरतअंगेज असर, महिला-पुरुष दोनों के लिए संजीवनी

प्रकृति का अनमोल वरदान हैं ये 3 जड़ी-बूटियां, बीमारियों से बचाने में हैरतअंगेज असर, महिला-पुरुष दोनों के लिए संजीवनी

3 Natural Herbs Benefits: प्रकृति ने हमें हर वह चीज दी है जिनकी हमें जरूरत है. खाने-पीने की तो सर्वत्र चीजें उपलब्ध हैं लेकिन बीमारियों से बचने के भी एक से बढ़कर एक चीजें इस धरती पर है. हिमालय की गोद में प्रकृति का अनमोल खजाना है. यहां पर ऐसी-ऐसी दुर्लभ जड़ी-बूटियां हैं जिनका सेवन कर हम निरोग रह सकते हैं. हालांकि हम इन जड़ी-बूटियों का सेवन मुश्किल से ही करते हैं. इन चीजों में यहां 3 दुर्लभ जड़ी-बूटियों की चर्चा कर रहे हैं जिनके सेवन से हम निरोग रह सकते हैं और लंबी उम्र बना सकते हैं. इन जड़ी-बूटियों के सेवन इम्यूनिटी बूस्ट होती है जिसके कारण शरीर में बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है. आइए जानते हैं इन 3 प्रमुख जड़ी-बूटियों के बारे में.

शतावरी एक पौधा है जिसकी जड़ का इस्तेमाल दवा के रूप में की जाती है. हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक शतावरी में एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होता है जो इम्यूनिटी को बूस्ट कर अल्सर, किडनी स्टोन, शुगर, सर्दी-खांसी को दूर करता है. शतावरी में एंटी-एजिंग गुण होता है. यह चेहरे पर ग्लो लाता है.

शतावरी महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद है. शतावरी का नियमित सेवन से महिलाओं में पोलीसिस्टिक सिंड्रोम (PCOS) से राहत मिलती है. शतावरी महिलाओं में इंफर्टिलिटी को दूर कर सकता है. शतावरी पाउडर को आप शहद या दूध के साथ ले सकते हैं.

अश्वगंधा आजकल पूरी दुनिया में मशहूर हो गया है. अश्वगंधा को लेकर कई रिसर्च की गई है और कई की जा रही है. इसे भारतीय जिनसेंग कहा जाता है. अश्वगंधा का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह मूड को ठीक रखता है. इसलिए विदेश में ज्यादातर लोग इसे डिप्रेशन को दूर करने के लिए इस्तेमाल करते हैं

अश्गंधा में भी एंटी-एजिंग गुण होता है. यह स्किन से फ्री रेडिकल्स को हटाता है जिसके कारण चेहरे पर ग्लो आती है. अश्वगंधा इम्यूनिटी को बूस्ट करता है

अश्वगंधा फर्टिलिटी की समस्या को भी कम करने में मददगार है. अश्वगंधा के पाउडर का सेवन दूध के साथ किया जा सकता है. अश्वगंधा का बेहद कम साइड इफेक्ट है

तीसरा नेचुरल हर्ब्ल है गुगुल. गुगुल भी बेहद करामाती औषधि है. आयुर्वेद में इसका कई बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है. गुगुल को मुकुल मिर पेड़ से निकाला जाता है.

गुगुल में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होता है. यह कील-मुंहासे, एग्जिमा, सोरोसिस, अर्थराइटिस जैसी बीमारियों में मददगार साबित हो सकता है.

ऐसा माना जाता है कि गुगुल के सेवन से वजन भी कम होता है. इसके साथ ही यह थायराइड की समस्या में भी लाभदायक है और शुगर और कोलेस्ट्रॉल को भी कम कर सकता है. हालांकि इन चीजों पर अभी कम रिसर्च है. इसलिए इसका सीमित इस्तेमाल करें और डॉक्टरों की सलाह लें.

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