जब नहीं था पाकिस्तान, तब राम के बेटों और भतीजे का क्या था वहां से खास रिश्ता
जब नहीं था पाकिस्तान, तब राम के बेटों और भतीजे का क्या था वहां से खास रिश्ता

जब नहीं था पाकिस्तान, तब राम के बेटों और भतीजे का क्या था वहां से खास रिश्ता
अयोध्या के राम मंदिर में भगवान की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने वाली है. क्या राम का कोई कनेक्शन मौजूदा पाकिस्तान के इलाकों से भी था. इसका जवाब ये है कि वहां तक उनका राज्य फैला हुआ था. लक्ष्मण को उधर के राज्य की कमान सौंपी गई. लव और कुश का भी वहां से खास रिश्ता था.
अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर अब प्राण प्रतिष्ठा के करीब है. भारत के लिए भगवान राम हिंदू धर्म के सबसे बड़े प्रतीक हैं, क्या आपको मालूुम है कि उनका पाकिस्तान से भी कोई कनेक्शन रहा है. दरअसल मौजूदा पाकिस्तान एक जमाने में अखंड भारत का हिस्सा भी था.
अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर अब प्राण प्रतिष्ठा के करीब है. भारत के लिए भगवान राम हिंदू धर्म के सबसे बड़े प्रतीक हैं, क्या आपको मालूुम है कि उनका पाकिस्तान से भी कोई कनेक्शन रहा है. दरअसल मौजूदा पाकिस्तान एक जमाने में अखंड भारत का हिस्सा भी था.
क्या है अयोध्या के राजा रहे भगवान राम का पाकिस्तान कनेक्शन. पाकिस्तान में तीन जगहें ऐसी हैं, जो सीधे सीधे उनसे कनेक्टेड होती हैं. राम ने अपने बेटों लव और कुश को अयोध्या का राजपाट सौंपा था तो भाई भरत को गंधर्व का राज दिया, जिसे फिर उनके बाद उनके बेटे तक्ष ने संभाला.
क्या है अयोध्या के राजा रहे भगवान राम का पाकिस्तान कनेक्शन. पाकिस्तान में तीन जगहें ऐसी हैं, जो सीधे सीधे उनसे कनेक्टेड होती हैं. राम ने अपने बेटों लव और कुश को अयोध्या का राजपाट सौंपा था तो भाई भरत को गंधर्व का राज दिया, जिसे फिर उनके बाद उनके बेटे तक्ष ने संभाला.
उल्लेख है कि तक्षशिला विश्वविद्यालय का नाम भरत के पुत्र और भगवान राम के भतीजे तक्ष के नाम पर रखा गया है. तक्षशिला का प्राचीन विश्वविद्यालय पंजाब में सिंधु नदी के पूर्वी तट पर, तक्षशिला शहर (आधुनिक पाकिस्तान) में स्थित था. इसकी स्थापना छठी शताब्दी ईसा पूर्व में हुई थी. हालांकि इसकी पुष्टि पुख्ता तौर पर नहीं होती लेकिन जगह – जगह ये लिखा गया है कि तक्ष ने चूंकि देश की पहली यूनिवर्सिटी की स्थापना की थी, लिहाजा इसे उनके नाम पर तक्षशिला कहा गया.
उल्लेख है कि तक्षशिला विश्वविद्यालय का नाम भरत के पुत्र और भगवान राम के भतीजे तक्ष के नाम पर रखा गया है. तक्षशिला का प्राचीन विश्वविद्यालय पंजाब में सिंधु नदी के पूर्वी तट पर, तक्षशिला शहर (आधुनिक पाकिस्तान) में स्थित था. इसकी स्थापना छठी शताब्दी ईसा पूर्व में हुई थी. हालांकि इसकी पुष्टि पुख्ता तौर पर नहीं होती लेकिन जगह – जगह ये लिखा गया है कि तक्ष ने चूंकि देश की पहली यूनिवर्सिटी की स्थापना की थी, लिहाजा इसे उनके नाम पर तक्षशिला कहा गया.
तक्ष ने इसमें जाने माने विद्वानों को शिक्षक नियुक्त किया. इसमें जानी मानी हस्तियों ने शिक्षा ली, जिसमें चाणक्य भी शामिल हैं. तक्ष ने गंधारा से लेकर मगध की राजधानी पाटलीपुत्र तक एक रास्ता भी बनवाया, जिसे बाद में शेरशाह सूरी ने संवारा और ठीक कराया.
तक्ष ने इसमें जाने माने विद्वानों को शिक्षक नियुक्त किया. इसमें जानी मानी हस्तियों ने शिक्षा ली, जिसमें चाणक्य भी शामिल हैं. तक्ष ने गंधारा से लेकर मगध की राजधानी पाटलीपुत्र तक एक रास्ता भी बनवाया, जिसे बाद में शेरशाह सूरी ने संवारा और ठीक कराया.
तक्षशिला विश्वविद्यालय को दुनिया का सबसे पहला विश्वविद्यालय माना जाता है. ये तक्षशिला शहर में था, जो प्राचीन भारत में गांधार जनपद की राजधानी और एशिया में शिक्षा का प्रमुख केंद्र था. माना जाता है विश्वविद्यालय छठवीं से सातवीं ईसा पूर्व में तैयार हुआ था. इसके बाद से यहां भारत समेत एशियाभर से विद्वान पढ़ने के लिए आने लगे. इनमें चीन, सीरिया, ग्रीस और बेबीलोनिया भी शामिल हैं. फिलहाल ये पंजाब प्रांत के रावलपिंडी जिले की एक तहसील है और इस्लामाबाद से लगभग 35 किलोमीटर दूर है. (
हालांकि माइथोलॉजी ये भी कहती है कि इसकी नींव श्रीराम के भाई भरत ने अपने पुत्र तक्ष के नाम पर की थी. बाद के समय में यहां कई सारे नई-पुराने राजाओं का शासक रहा. इसे गांधार नरेश का राजकीय संरक्षण मिला हुआ था और राजाओं के अलावा आम लोग भी यहां पढ़ने आते रहे. वैसे ये गुरुकुल की शक्ल में था, जहां पढ़ने वाले नियमित वेतनभोगी शिक्षक नहीं, बल्कि वहीं आवास करते और शिष्य बनाते थे.
विश्वविद्यालय की बात करें तो यहां छात्र वेद, गणित, व्याकरण और कई विषयों की शिक्षा लेते थे. माना जाता है कि यहां पर लगभग 64 विषय पढ़ाए जाते हैं, जिनमें राजनीति, समाज विज्ञान और यहां तक कि राज धर्म भी शामिल था. साथ ही युद्ध से लेकर अलग-अलग कलाओं की शिक्षा मिलती. ज्योतिष विज्ञान यहां काफी बड़ा विषय था. इसके अलावा अलग-अलग रुचियां लेकर आए छात्रों को उनके मुताबिक विषय भी पढ़ाए जाते थे.
लाहौर शहर के बारे में इतिहासकार कहते हैं कि सबसे पहले इस शहर का नाम भगवान के पुत्र लव के नाम पर पड़ा जो फिर कई बार बदलते हुए अब लाहौर हो गया है. लाहौर के लाहौर फोर्ट में लव का एक मंदिर भी है.
इसी तरह लाहौर के पास ही पाकिस्तान का एक और बड़ा शहर बसा हुआ है, जिसे कसूर कहते हैं. इतिहासकार इसे भगवान राम के दूसरे बेटे कुश से जोड़ते हैं, जिसके नाम पर शहर का नाम पहले कुश था लेकिन फिर कसूर हो गया. पाकिस्तान में हिंदूकुश की पहाड़ियों को भी भगवान राम के बेटे कुश से जोड़ा जाता है.