वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ही समाज उत्थान संभव -प्रो०नरेशकुमार
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ही समाज उत्थान संभव -प्रो०नरेशकुमार

चौ छोटू राम पीजी कॉलेज में छात्रों को संबोधित करते हुए महाविद्यालय प्राचार्य प्रोफेसर मलिक ने बताया कि क्यों, कैसे और कब ? के उत्तर ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण को मजबूत करते हैं और इसके लिए विज्ञान के विद्यार्थियों में जिज्ञासा होना आवश्यक है और जब तक वैज्ञानिक दृष्टिकोण मजबूत नहीं होगा, देश और समाज का उत्थान संभव नहीं है अवसर था ,राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग) भारत सरकार के सहयोग से कायनात एजुकेशनल एंड वेल्फेयर सोसायटी व महाविद्यालय प्रशिक्षण एवं सेवायोजन प्रकोष्ठ के तत्वाधान में कम लागत की शिक्षण सामग्री पर दो दिवसीय कार्यशाला के समापन अवसर पर। समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे राजपाल पांचाल ने प्रतिभागियों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को लेकर बातचीत करते हुए कहा कि प्रतिभागियों का वैज्ञानिक दृष्टिकोण उनके सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है। स्तोत्र व्यक्ति रन सिंह तथा दीपक मुदगिल ने प्रतिभागियों के साथ गतिविधियों को साझा करते हुए बेकार सामान से न्यूटन के नियम क्रिया-प्रतिक्रिया, गुरुत्वाकर्षण बल, घर्षण, वेग, गति के साथ रसायन विज्ञान तथा गणित पर आधारित विभिन्न गतिविधियों का प्रदर्शन किया व उनके वैज्ञानिक आधार सांझा किये। इसके उपरांत प्रतिभागियों ने इन गतिविधियों का अभ्यास किया।
कार्यशाला के अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य प्रो मालिक तथा कायनात एजुकेशनल एवं वेलफेयर सोसाइटी के सदस्यों द्वारा प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र व किट देकर सम्मानित किया गया,इस अवसर पर कार्यशाला संयोजक डॉ ओमबीर सिंह द्वारा सभी स्रोत विशेषज्ञों ,प्राचार्य व शिक्षक साथियों तथा प्रतिभागी छात्रों का धन्यवाद ज्ञापित किया व आश्वस्त किया इस तरह के आयोजन से हमारे विद्यार्थी निष्यत रूप से लाभान्वित होंगे ,इस अवसर पर महाविद्यालय शिक्षक साथी प्रो संदीप कुमार, डा हरिओम शर्मा, डा रविंद्रकुमार,डा भूपेंद्र सिंह, डा आई डी शर्मा, डा नवनीत प्रकाश वर्मा, शयोनि दास,डा टेशू शर्मा,किशन पाल,इंद्रपाल, रामेंद्र,योगेश ,सहायक लेखाकार डी ए खान का विशेष सहयोग रहा,