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भारत के Digital Public Infrastructure पर आया Rajeev Chandrasekhar का बयान, कहा- इस ताकत को कोई नहीं रोक सकता

भारत के Digital Public Infrastructure पर आया Rajeev Chandrasekhar का बयान, कहा- इस ताकत को कोई नहीं रोक सकता

नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि वैश्विक सहयोग और सभी के लिए समान विकास के भारत के आह्वान के साथ-साथ परिवर्तनकारी डिजिटलीकरण को लेकर उसके प्रदर्शन की चर्चा दुनिया भर में है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत की जी20 की अध्यक्षता मजबूत संदेशों को रेखांकित करती है जो एक अमिट छाप छोड़ेगी।

नयी दिल्ली में 9-10 सितंबर को होने वाले जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन से पहले ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में चंद्रशेखर ने भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) को एक ऐसी ताकत बताया जिसे अब कोई रोक नहीं सकता। मंत्री ने कहा कि इसका समय आ गया है और अब इसे कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने कहा कि डीपीआई पर भारतीय दृष्टिकोण पुराने सामान्य रुख को खत्म करता है, जो इस क्षेत्र पर हावी होने वाली बड़ी तकनीकी कंपनियों को लेकर था। वह नए सामान्य के लिए मार्ग प्रशस्त करता है, जो मुक्त स्रोत, कर्मठ, उपभोक्ता-संचालित और ‘‘गैर-मध्यस्थ’’ है।

चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘ जब एक अरब से अधिक भारतीय इसका इस्तेमाल कर रहे हों, तो इसका विरोध कौन कर सकता है?’’ इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री यहां देश के भुगतान, पहचान और अन्य मंचों का जिक्र कर रहे थे, जिन्होंने पहले ही हस्ताक्षरित कई समझौता ज्ञापनों के साथ कई देशों का ध्यान आकर्षित किया है। भारत अपने डीपीआई को प्रत्येक नागरिक के लिए एक मुख्य स्रोत के रूप में विकसित कर रहा है। चन्द्रशेखर ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी20 के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में भारत का संदेश सभी के लिए त्वरित, समावेशी और लचीले विकास के बारे में रहा है।

मंत्री ने कहा कि भारत के आम कल्याण तथा वैश्विक व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए सहयोग की ओर वैश्विक ध्यान आकर्षित करने के साथ, उसका (भारत का) दृष्टिकोण तथा विश्वास उसकी जी20 अध्यक्षता तक ही सीमित नहीं है। उन्होंने कहा कि साथ ही भारत ने इस बात पर भी जोर दिया कि दुनिया भर में प्रौद्योगिकी, नवाचार और युवा बल की शक्ति वैश्विक भविष्य को आकार देगी। च्रंद्रशेखर ने कहा कि भारत ने जिम्मेदार तरीके से जी20 की अध्यक्षता की और विश्व हित को हमेशा निजी स्वार्थ से ऊपर रखा है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह जिम्मेदार आचरण का एक उदाहरण है जिसे सभी बड़े देशों को अपनाना चाहिए… कुछ देश ऐसा करते हैं, हालांकि कुछ देश नहीं करते..’’ चंद्रशेखर ने कहा कि भारत की जी20 की अध्यक्षता ने ‘‘ निश्चित रूप से कई मायनों में एक बहुत ही अमिट छाप छोड़ी है।

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