राष्ट्रीय

Aditya L1 Launch Live: सूरज से नजरें मिलाने रवाना हुआ आदित्य L1, रोज 1,440 फोटो भेजेगा

Aditya L1 Launch Live: सूरज से नजरें मिलाने रवाना हुआ आदित्य L1, रोज 1,440 फोटो भेजेगा

अंतरिक्ष की दुनिया में आज का दिन ऐतिहासिक हो गया है। चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग के बाद आज इसरो का सूर्ययान आदित्य L 1 सूरज के रहस्यों की खोज के लिए रवाना हो गया। मतलब ये है कि हमारा तिरंगा चांद के बाद सूरज के सफर पर निकल चुका है। आज सुबह 11:50 मिनट पर देश का पहला सोलर मिशन आदित्य L 1 आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया।

यह पहली भारतीय अंतरिक्ष आधारित ऑब्जर्वेटरी (वेधशाला) होगी। अभी तक हम सूरज की स्टडी धरती पर लगाई दूरबीनों से कर रहे हैं। ये दूरबीनें कोडईकनाल या नैनीताल के ARIES जैसी जगहों पर लगी हैं, लेकिन हमारे पास स्पेस में टेलीस्कोप नहीं हैं। धरती की दूरबीन से हम सूरज की दिख रही सतह ही देख पाते हैं, सूरज का ऐटमॉस्फियर नहीं दिखता, जो धरती के वातावरण से काफी अलग है। सूरज के आउटर ऐटमॉस्फियर को कोरोना कहा जाता है। वह बेहद गर्म होता है। कोरोना गर्म क्यों होता है, इसकी इसकी पूरी जानकारी नहीं है। कोरोना को पूर्ण सूर्यग्रहण के दौरान ही देखा जा सकता है। अब हम कोरोनाग्राफ जैसा एक टेलिस्कोप VELC इस मिशन के साथ भेज रहे हैं, जो कोरोना पर 24 घंटे निगाह रखेगा और ग्राउंड स्टेशन पर रोज 1,440 फोटो भेजेगा।

423 करोड़ रुपए का बजट

आदित्य L-1 मिशन का बजट करीब 423 करोड़ रुपए है। इसे पीएसएलवी-सी 57 से लांच किया गया है। धरती से L-1 प्वाइंट की दूरी 15 लाख किमी धरती से L-1 प्वाइंट की दूरी 15 लाख किमी है। आदित्य को सूर्य की कक्षा के 1-1 प्वाइंट पर स्थापित करना है यानी कि आदित्य L-1 कक्षा से सूरज का अध्ययन करेगा।

सूरज की स्टडी की जरूरत क्यों

नूरज पृथ्वी के सबसे नजदीक का तारा है। सूरज से बहुत ज्यादा एनर्जी निकलती है। वहां से बेहद गर्म सौर लपटें उठती रहती हैं। अगर इस तरह की लपटों की दिशा पृथ्वी की तरफ हो जाए, तो यहां धरती के पास के वातावरण में बहुत असामान्य चीजें हो सकती हैं। तमाम स्पेसक्राफ्ट, सैटलाइट और कम्युनिकेशन सिस्टम खराब हो सकते हैं। ऐसी घटनाओं की समय रहते सूचना हासिल करना जरूरी होता है।

IMG-20250402-WA0032

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!