व्रत त्योहार

Mangla Gauri Vrat 2023: मंगला गौरी व्रत से हुई सावन के पहले दिन की शुरूआत, अखंड सौभाग्य के लिए रखा जाता है व्रत

Mangla Gauri Vrat 2023: मंगला गौरी व्रत से हुई सावन के पहले दिन की शुरूआत, अखंड सौभाग्य के लिए रखा जाता है व्रत

आज यानी की 4 जुलाई 2023 से पवित्र सावन माह की शुरूआत हो रही है। बता दें कि इस बार सावन का महीना बेहद खास रहने वाला है। सावन का महीना भगवान शिव को बेहद प्रिय है। वहीं इस बार सावन एक नहीं बल्कि 2 महीने का है। वहीं सावन के पहले दिन यानी की 4 जुलाई को पहला मंगला गौरी व्रत रखा जा रहा है। सावन में हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा। इस दौरान मां गौरा-पार्वती की पूजा का विधान है। महिलाएं अखंड सौभाग्यवती की कामना से यह व्रत करती हैं। आइए जानते हैं मंगला गौरी व्रत के शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व के बारे में…

प्रथम मंगला गौरी का शुभ मुहूर्त

इस साल यानी की सावन माह के पहले दिन 4 जुलाई को प्रथम मंगला गौरी व्रत रखा जा रहा है। इस दिन व्रत रखने व विधि-विधान से मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। आज पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 08:57 मिनट से दोपहर 02:10 मिनट तक रहेगा। वहीं लाभ मुहूर्त सुबह 10:41 मिनट से दोपहर 12:25 मिनट तक रहेगा। इसके बाद अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त दोपहर 12:25 मिनट से दोपहर 02:10 मिनट तक रहेगा।

ऐसे करें पूजा

सावन के पहले दिन यानी की मंगला गौरी व्रत वाले दिन सुबह सूर्योदय से पहले स्नान आदि कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य देते हुए व्रत का संकल्प लें। फिर एक लकड़ी की चौकी लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उस पर मां पार्वती की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें। फिर मां गौरी के सामने आटे से बना दीप जलाएं और धूप-दीप, नैवेद्य, फल-फूल आदि अर्पित करें पूजा पूरी होने के बाद मां गौरी की आरती करें।

मंगला गौरी व्रत का महत्व

सुहागिन महिलाएं और कुंवारी लड़कियां मंगला गौरी का व्रत रखती हैं। इस व्रत को रखने से मंगल दोष दूर होने के साथ ही जल्द विवाह के योग बनते हैं। इस दिन विधि-विधान से मां गौरी की पूजा-अर्चना करने से अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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