Karnataka Election: कर्नाटक में थमा चुनावी प्रचार का शोर, 10 मई को डाले जाएंगे वोट
Karnataka Election: कर्नाटक में थमा चुनावी प्रचार का शोर, 10 मई को डाले जाएंगे वोट

Karnataka Election: कर्नाटक में थमा चुनावी प्रचार का शोर, 10 मई को डाले जाएंगे वोट
कर्नाटक में 10 मई को होने वाले एक चरण के विधानसभा चुनाव के लिए जोरदार प्रचार अभियान सोमवार शाम समाप्त हो गया। यहां मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच है। वहीं, जद(एस) भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। कर्नाटक विधानसभा के 224 सदस्यों के चुनाव के लिए मतदान 10 मई को होगा और मतगणना 13 मई को आएंगे। भाजपा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिणी राज्य में 18 रैलियों को संबोधित किया और 27 अप्रैल को एक आभासी बातचीत के माध्यम से पार्टी के सदस्यों से बात की। उन्होंने छह रोड शो का भी नेतृत्व किया। इसमें बेंगलुरु में तीन और मैसूरु, कलाबुरगी और तुमकुरु में एक-एक। इसके अलावा पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कई केंद्रीय मंत्री, कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी भाजपा के लिए प्रचार किया।
कांग्रेस की ओर से पार्टी अध्यक्ष मल्ल्कार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव प्रचार किया। 224 सदस्यीय विधानसभा में, दोनों प्रमुख दल, भाजपा और कांग्रेस, ‘पूर्ण बहुमत वाली सरकार’ पर दावा कर रहे हैं। सत्तारूढ़ भाजपा को सत्ता को बनाए रखने के लिए कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा से सत्ता छीनने के लिए कांग्रेस अपनी ओर से कड़ी मेहनत कर रही है और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए मुख्य विपक्षी दल के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर रही है। पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के नेतृत्व में जनता दल (सेक्युलर) को चुनाव प्रचार में अपनी पूरी शक्ति झोंकते देखा जा सकता है और वह (जद-एस) चुनावों में ‘किंगमेकर’ नहीं, बल्कि विजेता बन कर उभरना चाहता है।
भाजपा को 2008 और 2018 के विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद राज्य में अपने बूते सरकार बनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। हालांकि, इस बार पार्टी स्पष्ट जनादेश की उम्मीद कर रही है। पार्टी ने कम से कम 150 सीट पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा है। लेकिन यदि पलड़ा कांग्रेस के पक्ष में झुकता है तो यह कांग्रेस के लिए मनोबल बढ़ाने वाला साबित होगा और यह इसकी चुनावी संभावनाओं में नयी जान फूंकने में अहम भूमिका निभाएगा। कांग्रेस इस चुनाव में जीत हासिल कर साल के अंत में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा की ‘चुनावी मशीनरी’ का मुकाबला करने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार करना चाहती है। कांग्रेस की ओर से शुरूआत में चुनाव प्रचार प्रदेश के नेता सिद्धरमैया और डी के शिवकुमार के इर्द-गिर्द केंद्रित था, खरगे ने इसे गति दी और पार्टी के शीर्ष नेताओं राहुल तथा प्रियंका के इसमें शामिल होने से तैयारियों को मजबूती मिली।