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रात 2 बजे कॉल, सुबह 7 बजे मीटिंग, आलू पराठा, ढोकला और इतिहास लिखे जाने की तैयारी, अनुच्छेद 370 के खात्मे से पहले ‘शाह’ दरबार की इनसाइड स्टोरी

रात 2 बजे कॉल, सुबह 7 बजे मीटिंग, आलू पराठा, ढोकला और इतिहास लिखे जाने की तैयारी, अनुच्छेद 370 के खात्मे से पहले 'शाह' दरबार की इनसाइड स्टोरी

पीएम मोदी ने एक नारा दिया था सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म किया था तब भी कहा था कि इस फैसले से जम्मू कश्मीर के लोगों का साथ भी है विकास भी है और विश्वास भी है। अपने दूसरे कार्यकाल में मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर को टॉप एजेंडे में रखा है। मोदी सरकार पार्ट-2 के गठन के बाद अमित शाह देश के गृह मंत्री बनते हैं। अमित शाह कुछ अलग तरह के गृह मंत्री हैं और पारंपरिक राजनीति में विश्वास नहीं रखते हैं। साल 2019 में जम्मू और कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित ने श्रीनगर का दौरा किया था। उन्होंने आर्मी कमांडर केजेएस ढिल्लों से मुलाकात कर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की थी। जून 2019 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की श्रीनगर यात्रा जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को निरस्त करने के सरकार के संकल्प को अंतिम रूप देने के लिए थी। इसके 40 दिनों बाद सरकार ने विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को निरस्त करने का ऐलान किया था।

देश के इतने बड़े और व्यापक असर वाले फैसले में गृह मंत्री के साथ मीटिंग करने वाले सेना के 15वें कोर के प्रमुख रहे ढिल्लो ने अपनी नई किताब में इस पूरे वाक्या का जिक्र किया है। लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) ढिल्लों द्वारा लिखित ‘कितने गाजी आए कितने गाजी गए’ को 14 फरवरी को दक्षिण कश्मीर में लेथपोरा के पास 2019 में एक आत्मघाती कार बम हमले में मारे गए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 40 जवानों के सम्मान में जारी किया जाएगा। लेफ्टिनेंट जनरल ( सेवानिवृत्त) ढिल्लों ने अपनी किताब में कहा कि 26 जून, 2019 को अमित शाह की यात्रा को पहले से ही एक नाटकीय घोषणा के लिए एक अग्रदूत माना जा रहा था और “मुझे सुबह 2 बजे फोन आया, जिसमें मुझे सुबह 7 बजे गृह मंत्री के साथ बैठक की सूचना दी गई।

गृह मंत्री के साथ अपनी बैठक के बारे में अधिक जानकारी दिए बिना सेना के रणनीतिक श्रीनगर स्थित 15वें कोर के प्रमुख ने लिखा कि “मनोरंजक के अलावा बहुत सारे संवेदनशील मुद्दे और प्रमुख बिंदु चर्चा के लिए मेज पर थे। भोजन जिसमें ‘आलू पराठा’ और प्रसिद्ध गुजराती व्यंजन ‘ढोकला’ शामिल थे। उन्होंने कहा कि मीटिंग के दौरान कई संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा की गई थी। इसमें “पाथ ब्रेकिंग डिक्लेरेशन” पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया को समझना भी शामिल था। सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि गृह मंत्री पूर्ण तरह तैयार थे और एजेंडे से पूरी तरह से वाकिफ थे और … उन्होंने स्पष्ट रूप से व्यापक शोध और होमवर्क किया था। बैठक के समापन पर, “मुझसे मेरे स्पष्ट और व्यक्तिगत विचार के बारे में पूछा गया था मेरी तत्काल प्रतिक्रिया थी ‘अगर इतिहास लिखना है, तो किसी को इतिहास बनाना पडेगा’ (हम इतिहास तभी लिख सकते हैं जब हम इतिहास बनाते है। 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की सरकार की घोषणा से पहले वो अमित शाह की श्रीनगर में आखिरी बैठक थी।

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