गण के तंत्र: बैंक सखी बनीं तो बदल गई आरती की जिंदगी, आज बैंक दीदी के नाम से हैं मशहूर
गण के तंत्र: बैंक सखी बनीं तो बदल गई आरती की जिंदगी, आज बैंक दीदी के नाम से हैं मशहूर

चियांकी स्थिति अपने सीएसपी में महिला को पैसा निकालकर देती बैंक दीदी
सदर प्रखंड की चिंयाकी की रहने वाली आरती देवी के घर के देहरी से बाहर निकलकर स्वालंबन की डगर तक पहुंचना आसान नहीं था। आरती देवी का स्वावलंबी बनने का जुनून ही है कि आज वे अपने काम से पहचानी जाती हैं।
केतन आनंद, पलामू: सदर प्रखंड की चिंयाकी की रहने वाली आरती देवी के घर के देहरी से बाहर निकलकर स्वालंबन की डगर तक पहुंचना आसान नहीं था। इसके लिए ग्रामीण परिवेश में एक बहू की परंपरा को बनाए रखने के साथ घर के खर्च में सहयोगी बनने की चाहत में आरती देवी ने 2016 में स्वयं सहायता समूह का दामन पकड़ा।
आसान नहीं था ये सफर
शुरू में आरती को यह अजीब सा लग रहा था, बैंक का चक्कर और पैसों के हिसाब-किताब में संतुलन और सतर्कता बनाए रखते हुए उन्होंने समूह में अपनी एक अलग पहचान बनाई। धीर-धीरे आरती देवी के इस काम में स्वजनों के साथ गांववालों का भी सहयोग मिलने लगा। 2020 में झारखंड स्टेट लाइवी हुड के सहयोग से बैंक सखी का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद आरती देवी ने चियांकी में ही अपना सीएसपी खोल दिया।
यहां से लोगों का बैंक खाता खोलने से लेकर राशि जमा करने और निकासी करने तक बैंक से जुड़े सभी कार्यों को करना शुरू कर दिया। शुरू-शुरू में थोड़ी परेशानी के बाद कुछ ही महीने में आरती देवी इस काम में भी कुशल हो गईं।
इलाके में बैंक दीदी के नाम से जानी जाती हैं आरती
आरती बताती हैं कि अब तो गांव के लोग उन्हें बैंक दीदी कह कर पुकराने लगे हैं। वृद्धा पेंशन लेने वाले लाचार बुर्जुगों को आरती पर इतना अधिक भरोसा हो गया है कि हर महीने उन्हें फोन कर बुलाने की परंपरा शुरू कर दी है। आरती भी एक फोन कॉल पर बुर्जुगों के घर अपना लैपटॉप लेकर पहुंच जाती हैं। इसके लिए वे उनसे कोई शुल्क भी नहीं लेती हैं।
परिवार चलाने में महिलाओं को बनना चाहिये भागीदार
इसी तरह वे सखी मंडल के लिए भी निशुल्क तैयार रहती हैं। आरती बताती है कि अब उनकी आमदनी से परिवार चलाना आसान हो गया है। उनका एक बच्चा हेरिटेज तो दूसरा एलिट में शिक्षा ग्रहण कर रहा है। पूछे जाने पर बताती है कि अब के माहाैल में महिलाओं को परिवार चलाने में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी होगी। इसके लिए जेएसएलपीएच सहित कई सरकारी योजनाओं की मदद महिलाओं को मिल सकती है।