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अल्पसंख्यक अधिकार दिवस आज, जानें इसे मनाने के पीछे क्या है कारण

अल्पसंख्यक अधिकार दिवस आज, जानें इसे मनाने के पीछे क्या है कारण

अल्पसंख्यक अधिकार दिवस आज, जानें इसे मनाने के पीछे क्या है कारण

भारत में अल्पसंख्यक समुदाय को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से अल्पसंख्यक अधिकार दिवस का आयोजन होता है। अल्पसंख्यक समुदाय के साथ किसी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए भारत सरकार ने वर्ष 2006 में अल्पसंख्यक मंत्रालय का अलग से निर्माण किया जहां इनके मामलों की सुनवाई जल्द से जल्द हो सके।
अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा के उद्देश्य से हर वर्ष अल्पसंख्यक अधिकार दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिन को मनाए जाने के पीछे मकसद है कि दुनिया के सभी देश अपने देश के अल्पसंख्यक समुदाय के नागरिकों को सम्मान दें। अल्पसंख्यक समुदाय के नागरिकों को समान अधिकार, अनुकूल जीवन परिस्थितियां देने के उद्देश्य से इस दिवस का आयोजन होता है।

गौरतलब है कि दुनिया के सभी देशों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग रहते है। ऐसे में अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों से संबंधित जागरूकता फैलाना और सम्मान देने हर देश का फर्ज है। इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए इस दिन का आयोजन होता है। बता दें कि कोई भी अल्पसंख्यक तब कहलाता है जब वो धर्म, भाषा, समुदाय या जाति के आधार पर अल्पसंख्यक होता है। इन अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए इस दिन का आयोजन होता है।

जानें क्या है अल्पसंख्यक का अर्थ
अल्पसंख्यक शब्द का अर्ध है संख्या में कम होना। ये किसी समुदाय की जनसंख्या अन्य लोगों की तुलना में कम होने के कारण होता है। किसी भाषा, समुदाय, धर्म, जाति, नस्ल के आधार पर अल्पसंख्यक का दर्जा मिल सकता है।

वहीं भारत की बात की जाए तो भारत में भी कई अल्पसंख्यक समुदाय हैं। इन समुदायों को केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यक का दर्जा दिया है। भारत सरकार, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के मुताबिक भारत में मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध व जैन धर्म के लोगों को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जाता है। अल्पसंख्यकों को भारत सरकार की ओर से उनके अधिकारों की रक्षा के लिए खास सुविधाएं दी जाती है।

अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को कई आधारों पर भेदभाव का सामना करना पड़ता है। उन्हें आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक एवं सांस्कृतिक आधार पर विभिन प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यहां तक की कई बार सरकारें भी ऐसी योजनाओं का निर्माण करती है जिससे अल्पसंख्यक समुदाय को दुख होता है। कई बार अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को सामाजिक बहिष्कार का सामना भी करना होता है। ऐसे में अल्पसंख्यक दिवस के जिए अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुनिश्चित किया जा सकता है।

सरकार ने किए हैं ये प्रावधान
भारत सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए वर्ष 1992 में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम के तहत राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना की थी। इस आयोग का गठन राज्यों में भी किया गया था। केंद्र सरकार और राज्य सरकारें समय समय पर अल्पसंख्यकों की स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से कल्याणकारी योजनाएं लाती है। इस योजनाओं के जरिए सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा देने की कोशिश करती है। वहीं रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए भी सरकार कार्य करती है।

बता दें कि वर्ष 2006 में भारत सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के लिए अलग से मंत्रालय भी बनाया। इस मंत्रालय के जरिए समुदाय का विकास, नीति नियोजन, मूल्यांकन करता है। जानकारी के मुताबिक वर्तमान में 4800 करोड़ से अधिक का बजट मंत्रालय को दिया गया था।

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