Poorvottar Lok: North-East में हो रहे बड़े बदलाव, देखिये उत्तर-पूर्व से इस सप्ताह की कुछ बड़ी खबरें
Poorvottar Lok: North-East में हो रहे बड़े बदलाव, देखिये उत्तर-पूर्व से इस सप्ताह की कुछ बड़ी खबरें

Poorvottar Lok: North-East में हो रहे बड़े बदलाव, देखिये उत्तर-पूर्व से इस सप्ताह की कुछ बड़ी खबरें
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम पूर्वोत्तर लोक में आप सभी का स्वागत है। भारत का खूबसूरत पूर्वोत्तर जिसे रोजाना सूर्य अपनी रोशनी से सबसे पहले जगमग करता है। भारत का मनमोहक पूर्वोत्तर जिसे हम सेवन सिस्टर्स के नाम से भी जानते हैं, अपनी सांस्कृतिक विशेषताओं और हस्तशिल्प के लिए पूरी दुनिया में मशहूर पूर्वोत्तर से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाएं और समाचार इस कार्यक्रम के जरिये हम आपके समक्ष रखेंगे। आज चूँकि कार्यक्रम की पहली कड़ी है इसलिए आइये सबसे पहले नजर डालते हैं इस क्षेत्र के भूभाग और राजनीतिक स्थिति पर।
भारत के उत्तर-पूर्व राज्यों में 255511 वर्ग किलोमीटर का भूभाग आता है। इन सातों राज्यों के कुल क्षेत्रफल को देखें तो यह भारत के कुल क्षेत्रफल का लगभग सात प्रतिशत है। विभिन्न जातीय और धार्मिक विविधता वाले इन प्रदेशों में तमाम समानताएं भी हैं। इनमें सबसे बड़ी समानता इन राज्यों की प्राकृतिक खूबसूरती है। नागालैंड, मिजोरम, और मेघालय में जहां ईसाइयों की बहुलता है वहीं असम और त्रिपुरा में हिंदू बहुसंख्यक हैं। हालांकि इन दोनों ही राज्यों में मुस्लिमों की भी अच्छी खासी तादाद है। जहां तक मणिपुर की बात है तो यहां 2011 की जनगणना के मुताबिक सभी धर्मों के लोगों की अच्छी खासी संख्या देखी जा सकती है।
राजनीतिक स्थिति की बात करें तो यहां असम, त्रिपुरा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश में भाजपा की स्पष्ट बहुमत वाली सरकारें हैं वहीं नगालैंड, मेघालय और मिजोरम की गठबंधन सरकारों में भाजपा शामिल है। इस तरह से इस पूरे क्षेत्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का शासन है। पूर्वोत्तर को वर्तमान केंद्र सरकार कितना महत्व देती है यह इस बात से भी साबित होता है कि आजादी के बाद पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में पूर्वोत्तर के नेताओं को सर्वाधिक स्थान मिले हैं। सर्बानंद सोनोवाल, किरेन रिजीजू जहां मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं वहीं रामेश्वर तेली, प्रतिमा भौमिक और डॉ. राजकुमार रंजन सिंह केंद्रीय राज्य मंत्री हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री समेत सभी मंत्री लगातार पूर्वोत्तर के दौरे करते रहते हैं और यहां चल रही तमाम विकास परियोजनाओं की समीक्षा करते रहते हैं। पूर्वोत्तर के इस संक्षिप्त परिचय के बाद आइये डालते हैं इस सप्ताह इस क्षेत्र में घटी कुछ बड़ी घटनाओं पर एक नजर।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को अरुणाचल प्रदेश के पहले ‘ग्रीनफील्ड’ हवाई अड्डे ‘डोनी पोलो’ का उद्घाटन करेंगे। संपर्क, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से ईटानगर के होलोंगी में 690 एकड़ के भूभाग में इस नए हवाई अड्डे को 646 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। ईटानगर का हवाई अड्डा हर मौसम में दिन भर संचालन के योग्य है। इस हवाई अड्डे का नाम राज्य की परंपराओं और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक सूर्य (डोनी) और चंद्रमा (पोलो) के प्रति लोगों की श्रद्धा को दर्शाता है।
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हैदराबाद की टीका बनाने वाली कंपनी भारतीय रोग प्रतिरोधक क्षमता विशेषज्ञ लिमिटेड (आईआईएल) ने कहा है कि उसने ‘‘दुनिया में पहली बार’’ ड्रोन के जरिये पशुओं के टीकों की आपूर्ति करने का अनूठा कारनामा कर दिखाया है। आईआईएल की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि पशुपालन एवं डेयरी विभाग और अरुणाचल प्रदेश सरकार के कृषि एवं पशुपालन विभाग तथा ड्रोन सेवा प्रदाता के साथ पूर्वोत्तर राज्य में रोइंग से पगलाम तक पहली बार ड्रोन के जरिए टीकों की आपूर्ति की गयी। कंपनी के सूत्रों ने कहा कि रक्षा ओवैक टीके की 1,000 खुराक 20 किमी से अधिक की हवाई दूरी तय करते हुए वितरित की गईं।
अरुणाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में ढांचागत संचरना के विकास के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक प्रबंधन लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की विशेष अनुषंगी कंपनी के साथ इस एमओयू पर गुवाहाटी में हस्ताक्षर किए गए। इस मौके पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी मौजूद थे। हम आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में पर्वतीय क्षेत्रों में संपर्क सुविधा बढ़ाने के लिए रस्सियों वाले मार्ग (रोपवे) के निर्माण की घोषणा की गई थी। उसी घोषणा के अनुरूप कंपनी अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रीय रोपवे कार्यक्रम ‘पर्वतमाला’ के तहत संपर्क सुविधाएं विकसित करेगी। इससे पर्वतीय राज्य के सुदूर इलाकों को मुख्यधारा से जोड़ने और पर्यटक गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जा सकेगा।
भाकपा (माओवादी) के दिग्गज नेता अरुण कुमार भट्टाचार्जी उर्फ ‘कंचन दा’ के साथी रहे 13 वामपंथी उग्रवादियों ने असम के डिब्रूगढ़ और कछार जिलों में आत्मसमर्पण किया है। विशेष पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने ट्वीट में कहा, “प्रतिबंधित सीपीआई-एम के 13 कार्यकर्ता डिब्रूगढ़ और कछार में हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्य धारा में शामिल हो गए। वे सीपीआई-एम नेता अरुण कुमार भट्टाचार्जी उर्फ कंचन दा के सहयोगी हैं, जिन्हें इस साल की शुरुआत में असम पुलिस ने गिरफ्तार किया था।”
असम ने मिजोरम से कहा है कि वह जिन क्षेत्रों पर अपना दावा करता है उन गांवों के नाम, वहां रहने वाले लोगों की जातीयता और उन गांवों की लोकेशन आदि सहित सभी जानकारी उसे मुहैया कराए। दावों से जुड़ी सारी जानकारी तीन महीने के भीतर देनी होगी और उसके बाद यह मामला दोनों राज्यों द्वारा संयुक्त रूप से गठित क्षेत्रीय समिति के पास जाएगा। हम आपको बता दें कि समिति का गठन दोनों राज्यों के बीच के इस सीमा विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने के लिए किया गया है। फिलहाल दोनों राज्यों में यथा स्थिति बनाए रखने और सीमा पर शांति तथा सौहार्द्र बनाए रखने की सहमति बनी है।
असम पुलिस ने हाल ही में गठित उग्रवादी समूह ‘आदिवासी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ (एपीएलए) का खात्मा कर दिया है। एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि समूह के नौ सदस्यों को गोलाघाट और कार्बी आंगलोंग जिलों से गिरफ्तार कर उनके कब्जे से हथियार आदि बरामद किए गए थे। पुलिस के विशेष महानिदेशक जी.पी. सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘असम पुलिस ने नवगठित उग्रवादी समूह एपीएलए का चार दिन से भी कम समय में गोलाघाट और कार्बी आंगलोंग जिलों से खात्मा कर दिया है। नौ सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है और हथियार जब्त किए गए हैं।’’ उन्होंने लिखा है, ‘‘हम हिंसा और हिंसा फैलाने और करने वाले समूहों को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।’’
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी-गुवाहटी) ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान कंपनियों की तरफ से नौकरी पूर्व पेशकश 21 प्रतिशत अधिक रहा है। इस साल सबसे अधिक 1.20 करोड़ रुपये पैकेज की पेशकश की गयी। आईआईटी-गुवाहटी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अबतक छात्रों को इस तरह के 218 प्रस्ताव प्राप्त हुए है। बीते वित्त वर्ष में इन प्रस्तावों की संख्या 179 थी। संस्थान ने कहा कि ‘कैंपस प्लेसमेंट’ शुरू होने तक नौकरी पूर्व प्रस्ताव दिए जाते रहेंगे। ‘कैंपस प्लेसमेंट’ एक दिसंबर से शुरू होगी।
भारतीय चाय बोर्ड त्रिपुरा में जल्दी ही एक चाय नीलामी केंद्र खोलने के बारे में गंभीरतापूर्वक विचार कर रहा है। त्रिपुरा चाय विकास निगम के चेयरमैन संतोष साहा ने कहा, ‘हमें भारतीय चाय बोर्ड ने सूचित किया है कि वह त्रिपुरा में एक चाय नीलामी केंद्र खोलने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। अब हमें इसके समर्थन के लिए एक गोदाम का निर्माण करना होगा।’ उन्होंने कहा कि चाय नीलामी केंद्र नॉर्थ त्रिपुरा जिले के मुख्यालय धर्मनगर में स्थापित किया जा सकता है, ताकि पड़ोसी राज्य असम के करीमगंज और कछार जिलों में स्थित चाय बागान भी वहां पर अपनी चाय बेच सकें।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दक्षिणी मिजोरम के हनहथियाल जिले में पत्थर की एक खदान ढहने के हादसे का स्वत: संज्ञान लिया और संबंधित अधिकारियों को 28 नवंबर को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है। एनजीटी द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, मिजोरम प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव और राज्य के आपदा प्रबंधन निदेशालय के निदेशक सहित सात अधिकारियों को दिल्ली में अधिकरण के फरीदकोट हाउस कार्यालय में पेश होने को कहा गया है। इस बीच, एक अधिकारी ने बताया कि हनहथियाल जिले में ढही पत्थर की खदान के मलबे से एक और शव बरामद होने के बाद हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 11 हो गई। हम आपको बता दें कि 14 नवंबर दोपहर को जब पत्थर की खदान में भूस्खलन हुआ तब वहां कुल 13 मजदूर काम कर रहे थे। इनमें से केवल एक मजदूर बाहर निकल पाने में कामयाब रहा था। खदान एबीसीआई इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड की है।
मणिपुर सरकार ने अगले साल अप्रैल में ‘फेमिना मिस इंडिया 2023 ग्रैंड फिनाले’ के 59वें संस्करण की मेजबानी के लिए ‘टाइम्स ग्रुप’ के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और ‘टाइम्स ग्रुप’ के प्रबंधक निदेशक विनीत जैन इस मौके पर मौजूद थे। समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, ”यह पहली बार है जब प्रतिष्ठित प्रतियोगिता पूर्वोत्तर में आयोजित होने जा रही है। यह मणिपुर में निवेशकों की बढ़ती रुचि को दर्शाता है।’’ मणिपुर सरकार के पर्यटन विभाग और मिस इंडिया प्रतियोगिता के आयोजकों के बीच यह समझौता किया गया है।
मणिपुर में पांच प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों के कुल 31 सदस्यों ने बुधवार को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की मौजूदगी में हथियार डाल दिए और आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों में कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीपुल्स वार ग्रुप) के 17, कांगलेई यावोल कनबा लुप के तीन, कांगलीपाक की पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी के छह और यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट के चार और प्रीपाक (वीसी) का एक सदस्य शामिल है। बीरेन सिंह ने आत्मसमर्पण करने वालों का स्वागत करते हुए कहा, “जब आप घर लौटेंगे तो एक भी गोली नहीं चलेगी, न ही कोई प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।” मुख्यमंत्री ने उनसे “साथ आने, एक साथ रहने और राज्य के विकास में योगदान करने” की अपील की।
मणिपुर ने पूर्वोत्तर ओलंपिक खेलों में 85 स्वर्ण पदक सहित कुल 237 पदक के साथ लगातार दूसरे साल शीर्ष स्थान हासिल किया। मणिपुर ने 76 रजत और 77 कांस्य पदक भी जीते। असम 81 स्वर्ण, 60 रजत और 60 कांस्य पदक सहित कुल 201 पदक जीतकर दूसरे स्थान पर रहा। देश के पूर्वोत्तर हिस्से के आठ राज्यों के खिलाड़ी 10 नवंबर से इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे थे। अरुणाचल प्रदेश ने तीसरा स्थान हासिल किया जबकि मेजबान मेघालय की टीम 36 स्वर्ण, 35 रजत और 78 कांस्य पदक सहित कुल 149 पदक जीतकर चौथे स्थान पर रही। मेघालय की टीम पहले सत्र में सिर्फ 39 पदक ही जीत सकी थी। मुक्केबाज एमसी मेरीकोम और भारोत्तोलक मीराबाई चानू जैसे दिग्गज खिलाड़ी भारत को देने वाले मणिपुर ने प्रतियोगिता के अंतिम दिन सात स्वर्ण सहित 17 पदक जीतकर असम को पछाड़ा। मणिपुर की अंडर-17 महिला फुटबॉल टीम ने फाइनल में अरुणाचल प्रदेश को 3-0 से हराया। शिलांग में 12 स्थलों पर 18 खेल स्पर्धाओं का आयोजन किया गया जिसमें लगभग तीन हजार खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। अरुणाचल को 2019 में दूसरे सत्र की मेजबानी करनी थी लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण शिलांग को मेजबान शहर चुना गया। तीसरे सत्र की मेजबानी नगालैंड को करनी है। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनरेड संगमा ने कहा कि बुनियादी ढांचे से जुड़ी चुनौतियों के बावजूद खेलों का सफल आयोजन किया गया।
केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा है कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में जी20 की कुछ बैठकें आयोजित की जाएंगी और इनमें से एक बैठक की मेजबानी मिजोरम की राजधानी आइजोल करेगी। मिजोरम की राजधानी आइजोल में ‘अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मार्ट 2022’ के उद्घाटन से पहले पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और अन्य मंत्रालयों की मदद से पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए एक पर्यटन कार्यबल गठित करने का फैसला लिया है। रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में राजमार्गों के किनारे 100 ‘व्यू प्वाइंट’ बनाए जाएंगे। मिजोरम में नौ ‘व्यू पॉइंट’ बनाने के साथ इसकी शुरुआत होगी। भारत एक दिसंबर को एक साल के लिए जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। भारत में 55 स्थानों पर इसकी 200 से अधिक बैठकें आयोजित की जाएंगी।
आइये अब डालते हैं पूर्वोत्तर की एक प्रेरक खबर पर नजर। मणिपुर के पश्चिम इंफाल जिले में 47 वर्षीय व्यक्ति ने 20 वर्षों में बंजर भूमि को 300 एकड़ के जंगल में बदल दिया, जिसमें विभिन्न प्रकार के पौधों की प्रजातियां हैं। जिले के उरीपोक खैदेम लीकाई इलाके के रहने वाले मोइरंगथेम लोया ने करीब 20 साल पहले इंफाल शहर के बाहरी इलाके लंगोल हिल रेंज में पेड़ लगाना शुरू किया था। बचपन से प्रकृति प्रेमी रहे लोया ने बताया, ‘‘सन् 2000 की शुरुआत में चेन्नई से अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद जब मैं कोबरू पर्वत पर गया तो मैं पहले की सघन वनस्पतियों की कटाई से स्तब्ध था, जो कोबरू पर्वत श्रृंखलाओं की पहचान थे। मुझे प्रकृति मां को वो सबकुछ लौटाने की तीव्र इच्छा महसूस हुई, जिसे हम इंसानों ने आधुनिक समय में नष्ट कर दिया है।’’ यह खोज उन्हें जल्द मारू लंगोल में ‘‘पुंशिलोक मारू’’ या ‘‘स्प्रिंग ऑफ लाइफ’’ लेकर गयी, जो राजधानी इंफाल शहर के बाहरी इलाके में लैंगोल हिल रेंज में है। उन्होंने बताया, ‘‘मैं यात्रा के दौरान गलती से उस जगह पहुंच गया। मैंने महसूस किया कि झूम की खेती के कारण जो क्षेत्र बंजर था, उसे समय और समर्पण के साथ घने हरे-भरे जंगल में बदला जा सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह जगह छह साल तक मेरे लिए एक घर की तरह था, क्योंकि मैं एक झोपड़ी में रहता था, जिसे मैंने खुद बांस, ओक, कटहल के पेड़ और सागवान की लकड़ी से बनाया था।’’ वाइल्ड लाइफ एंड हैबिटेट प्रोटेक्शन सोसाइटी की स्थापना करने वाले लोया ने कहा, ‘‘मैं अपनी जेब से पैसे लगाकर पौधे खरीदता और जब भी संभव होता इसे लगाता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वृक्षारोपण ज्यादातर मानसून के मौसम से पहले किया जाता है और इस दौरान वनस्पति विकास हमेशा तेज होता है।’’ राज्य के वन अधिकारियों ने लोंगोल पर्वत श्रृंखला में पेड़ लगाने में लोया के प्रयास का समर्थन किया है। वन अधिकारियों ने कहा कि 300 एकड़ के जंगल में पौधों की 100 से अधिक प्रजातियां हैं, बांस की लगभग 25 किस्में हैं, यहां हिरण, साही और सांप की प्रजातियां भी हैं। अधिकारियों ने बताया कि करीब 20 साल पहले यह जमीन बंजर थी।