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चीता मित्रों को सुनाई गुजरात वाली कहानी, 8 चीतों का तोहफा, मां को किया याद, कुछ इस अंदाज में PM मोदी ने मनाया अपना जन्मदिन

चीता मित्रों को सुनाई गुजरात वाली कहानी, 8 चीतों का तोहफा, मां को किया याद, कुछ इस अंदाज में PM मोदी ने मनाया अपना जन्मदिन


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को अपना 72वां जन्मदिन कुछ इस अंदाज में मनाया। प्रधानमंत्री मोदी आज अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल हुए। पीएम मोदी ने मोदी ने मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों को छोड़ा। इसके बाद पीएम मोदी ने श्योपुर में स्वयं सहायता समूह सम्मेलन को संबोधित किया। मोदी ने कहा कि मैं मां के पास नहीं जा सका लेकिन एमपी के आदिवासी अंचल की लाखों माताएं मुझे आशीर्वाद दे रही हैं। पीएम मोदी आज आईआईटी के दीक्षांत समारोह में भी शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा – हमारी सरकार ने 8 वर्षों में करीब 5 हजार नए आईआईटी बनाए। इसके साथ ही पीएम मोदी ने चीता मित्रों को गुजरात का वो किस्सा भी सुनाया जब बच्चों को सुनाई गुजरात वाली कहानी की कैसे बेटियों ने बचाए थे शेर।

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देश की सरजमीं पर 8 चीते, कूनो में मोदी ने फोटो खींचे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में नामीबिया से लाए गए चीतों को एक विशेष बाड़े में छोड़ा। इस मौके पर मोदी अपने पेशेवर कैमरे से चीतों की कुछ तस्वीरें भी खींचते हुए दिखाई दिए। भारत में चीतों को विलुप्त घोषित किए जाने के सात दशक बाद उन्हें देश में फिर से बसाने की परियोजना के तहत नामीबिया से आठ चीते कुनो राष्ट्रीय उद्यान पहुंचे। पहले इन्हें विशेष विमान से ग्वालियर हवाई अड्डे और फिर हेलीकॉप्टरों से श्योपुर जिले में स्थित केएनपी लाया गया।

सुनाया गुजरात में शेरों को बचाने का किस्सा

चीतों के बारे में जागरुरता पैदा करने के लिए शिवराज सिंह चौहान सरकार ने करीब 400 से अधिक चीता मित्रों की नियुक्ति की है। ये चीता मित्र लोगों को चीते के बारे में जागरुक करेंगे, चीते की जीवनशैली और तौर तरीके के बारे में बताएंगे। इन्हीं चीता मित्रों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात की। इस दौरान उन्होंने गुजरात में शेरों से जुड़ा एक किस्सा भी सुनाया। पीएम मोदी ने चीता मित्रों से कहा कि मैं जब गुजरात का सीएम था। उस वक्त प्रदेश में करीब 300 शेर थे। लेकिन इनकी संख्या लगातार घट रही थी। फिर मैंने सोचा की इतनी बड़ी विरासत है और ऐसे में दो साल में तो कोई शेर ही नहीं बचेगा। फिर प्रधानमंत्री मोदी ने चीता मित्रों को उपाय बताते हुए कहा कि मेरे मन में ख्याल आया कि गांव के लोगों को कोई बचा सकता है तो वे गांव के लोग हैं। इसके बाद हमने 300 वन्यप्राणी मित्र बनाए। ये 2007 की बात है। फिर मैंने वहां की बेटियों से पूछा कि क्या आप मैदान में आ सकती हो? आप लॉयन के साथ रह सकती हो? आप लॉयन को बचा सकती हो? वे सभी तैयार हो गईं। फिर हमने बड़े पैमाने पर स्थानीय बेटियों को फॉरेस्ट गार्ड के लिए रखा।

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मां से नहीं मिल सका

अपने जन्मदिन के अवसर पर वो अपनी मां से भी मिलने नहीं जा सके। जिसका जिक्र खुद पीएम मोदी की तरफ से एक कार्यक्रम में किया गया। जब श्योपुर महिला स्वयं सहायता समूह सम्मेलन में कहा कि अगर मेरे जन्मदिन पर कोई कार्यक्रम नहीं रहता तो मैं अपनी मां का पास जाता, उनके चरण छू करके आशिर्वाद लेता। आज मैं अपनी मां के पास नहीं जा सका लेकिन आज जब मेरी मां देखेगी कि मध्य प्रदेश के आदीवासी अंचल की लाखों माताएं मुझे आशीर्वाद दे रही हैं, तो उनको जरूर संतोष होगा।

पहले हम कबूतर छोड़ेते थे, आज चीता छोड़ते हैं

दिल्ली में राष्ट्रीय रसद नीति के शुभारंभ पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हम दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। देश बदल रहा है। ‘पहले हम कबूतर छोडते थे, आज चीता छोड़ रहे हैं’। भारत एक्सपोर्ट के बड़े लक्ष्य तय कर रहा है, उन्हें पूरे भी कर रहा है। भारत मैन्यूफैक्चकिंग हब के रूप में उभर रहा है, वो दुनिया के मन में स्थिर हो रहा है. ऐसे में नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी सभी सेक्टर के लिए नई ऊर्जा लेकर आई है।

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