इस्मा ने 2022-23 के विपणन वर्ष के लिए 80 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति मांगी
इस्मा ने 2022-23 के विपणन वर्ष के लिए 80 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति मांगी

भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने अधिशेष उत्पादन के मद्देनजर 2022-23 के विपणन वर्ष में सरकर से 80 लाख टन चीनी का निर्यात करने की अनुमति मांगी है। इस्मा के अध्यक्ष आदित्य झुनझुनवाला ने इस बारे में खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है। सितंबर में समाप्त हो रहे चालू 2021-22 के विपणन वर्ष में सरकार ने 112 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दी है। मिलों द्वारा निर्यात का यह आंकड़ा पूरा किए जाने की उम्मीद है। सरकार ने इस साल मई में चीनी के निर्यात पर अंकुश लगाते हुए इसे 100 लाख टन पर सीमित कर दिया था। बाद में इसे 12 लाख टन और बढ़ाकर 112 लाख टन कर दिया गया।
चीनी का विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक होता है। इस्मा के अध्यक्ष ने पत्र में कहा, ‘‘हम सरकार से 2022-23 के चीनी सत्र के लिए 80 लाख टन के निर्यात की अनुमति चाहते हैं। झुनझुनवाला ने कहा कि शुरुआती अनुमानों के अनुसार, 2022-23 में चीनी का शुद्ध उत्पादन बढ़कर 400 लाख टन पर पहुंच सकता है। इसमें एथनॉल के लिए स्थानांतरित की जाने वाली चीनी भी शामिल है। चालू विपणन वर्ष में इसके 394 लाख टन रहने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि 2022-23 में एथनॉल के लिए 45 लाख टन चीनी स्थानांतरित किए जाने की उम्मीद है। चालू विपणन वर्ष के लिए यह आंकड़ा 34 लाख टन है। इस्मा के अध्यक्ष ने कहा कि इस तरह 2022-23 में चीनी का वास्तविक उत्पादन 355 लाख टन रहेगा। झुनझुनवाला ने कहा कि ऐसे में 275 लाख टन की घरेलू खपत के बाद अगले सत्र में कम से कम 80 लाख टन चीनी का निर्यात करना जरूरी होगा।