माफिया राजन तिवारी ने पुलिस कर्मियों को धमकाया, केस दर्ज
माफिया राजन तिवारी ने पुलिस कर्मियों को धमकाया, केस दर्ज

बाहुबली पूर्व विधायक राजन तिवारी को जेल भिजवाने के साथ ही पुलिस उसकी संपत्ति का ब्योरा जुटाने लगी है। माफिया की नामी और बेनामी संपत्ति को खंगालने की जिम्मेदारी कैंट पुलिस को सौंपी गई है। कैंट पुलिस ने राजस्व विभाग से मदद मांगी है।
गोरखपुर जिले के माफिया व पूर्व विधायक राजन तिवारी ने कचहरी से जेल जाते समय चार पुलिसकर्मियों को जान से मारने की धमकी दी। उसके समर्थकों ने पुलिस कर्मियों से धक्का-मुक्की भी की है। इस मामले में कैंट पुलिस ने राजन तिवारी के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने और धमकी देने की धारा में केस दर्ज कर लिया। इससे उसकी मुश्किल और बढ़नी तय है।
जानकारी के मुताबिक, कैंट थाने में तैनात सिपाही जय प्रकाश यादव, शरद, सौरभ व सुजीत ने कैंट थाना प्रभारी को तहरीर दी। पुलिसकर्मियों ने तहरीर में लिखा कि 18 अगस्त की शाम गगहा के सोहगौरा व तारामंडल क्षेत्र निवासी राजन तिवारी को न्यायालय में पेश करने के बाद जिला कारागार ले जा रहे थे।
कचहरी से निकलते ही राजन तिवारी गाली देने लगा। विरोध करने पर कहने लगा कि तुम लोग मुझे जेल ले जा रहे हो, निकलने के बाद किसी को छोड़ूंगा नहीं। सरकारी वाहन के आगे-पीछे माफिया राजन तिवारी के समर्थक चल रहे थे। विरोध करने पर हाथापाई करने पर उतारू हो गए।
सभी पुलिसकर्मियों को डराने के साथ ही सरकारी कार्य में बाधा डाल रहे थे। आरोप है कि राजन ने जेल से छूटने के बाद हत्या करने की धमकी दी थी। इतना ही नहीं माफिया के समर्थकों ने भी पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की की। पुलिस अफसरों के निर्देश पर कैंट पुलिस ने सरकारी काम में बाधा डालने व धमकी देने की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।
बाहुबली पूर्व विधायक राजन तिवारी को जेल भिजवाने के साथ ही पुलिस उसकी संपत्ति का ब्योरा जुटाने लगी है। माफिया की नामी और बेनामी संपत्ति को खंगालने की जिम्मेदारी कैंट पुलिस को सौंपी गई है। कैंट पुलिस ने राजस्व विभाग से मदद मांगी है।
जानकारी के मुताबिक, गैंगस्टर के गैर जमानती वारंट में कैंट और एसओजी की संयुक्त टीम ने बिहार के रक्सौल से राजन तिवारी की गिरफ्तारी की थी। राजन को गोरखपुर से फतेहगढ़ जेल भेजा गया है। इसी बीच पुलिस ने राजन और उसके करीबियों के नाम की संपत्ति का ब्योरा जुटाना शुरू कर दिया है। पुलिस के हाथ अभी कोई जानकारी नहीं मिली है, हालांकि पुलिस ने इसमें राजस्व विभाग से भी मदद मांगी है।
यही नहीं बेनामी संपत्ति की तलाश के लिए पुलिस ने राजन तिवारी के करीबियों की छानबीन शुरू कर दी है। इस दौरान पुलिस को पता चला है कि राजन तिवारी के नाम पर कुछ लोग प्रापर्टी डीलिंग का भी काम करते हैं। यह भी सूचना मिली है कि उसने बिहार के अलावा गोरखपुर में काफी अधिक रुपये इन्वेस्ट किए हैं। इस सूचना को पुलिस ने तस्दीक करना शुरू कर दिया है।