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तंबाकू का बहिष्कार कर इसके दुष्परिणामों से बचें : डॉ. मनोज

तंबाकू का बहिष्कार कर इसके दुष्परिणामों से बचें : डॉ. मनोज

सीएचसी मख्याली पर “विश्व तम्बाकू निषेध जागरूकता माह” के अन्तर्गत गोष्ठी का आयोजन
मुजफ्फरनगर, 27 मई 2022। “विश्व तम्बाकू निषेध जागरूकता माह” के अन्तर्गत शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मखयाली पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. परितोष मुदगल ने की। बैठक में आशा कार्यकर्ता, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) व अन्य कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया। गोष्ठी में तबांकू से होने वाली बीमारियों के बारे में जागरूक किया गया तथा आमजन से तंबाकू त्यागने का आह्वान किया गया।
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. प्रशांत कुमार ने बताया “विश्व तम्बाकू निषेध दिवस 2022” के अवसर पर तम्बाकू नियंत्रण माह (15 मई से 15 जून 2022 तक) का चलाया जा रहा है। इस अभियान में जनपद स्तर पर एनटीसीपी,एनपीसीडीसीएस एवं एनएमएचपी कार्यक्रम के अन्तर्गत कार्यरत परामर्शदाता/ मनो चिकित्सक द्वारा ब्लॉक स्तर पर शिविरों व गोष्ठी के माध्यम से तंबाकू का सेवन कर रहे व्यक्तियों को परामर्श देते हुए उसे छोड़ने के लिये प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने बताया-तंबाकू नियंत्रण कानून (कोटपा) 2003 के तहत सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने, खुलेआम तंबाकू से संबंधित सामग्री बेचने पर कार्रवाई की जाती है। इसके तहत 200 रुपए से 10,000 रुपए तक जुर्माना और पांच साल तक की कैद का प्रावधान है।
साइकोथेरेपिस्ट मनोज कुमार ने कहा- यूं तो तंबाकू का किसी भी रूप में और कभी भी उपयोग करना नुकसानदेह ही है। यह न सिर्फ इस्तेमाल करने वालों को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि उनके आस-पास के लोगों को भी गंभीर रूप से प्रभावित करती है। नशा के खिलाफ अभियान को हर घर तक ले जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा -युवाओं को न तो खुद नशा करना चाहिए और न ही दूसरों को नशीले पदार्थों के सेवन करने देना चाहिए, इसके लिए संकल्प लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा -तंबाकू का बहिष्कार कर इसके दुष्परिणामों से बचें।
साइकेट्रिस्ट डॉ अर्पण जैन ने बताया तंबाकूसेवन से मुंह, गले, फेफड़े, मूत्राशय, गुर्दा, खाद्यनली में कैंसर होने की आशंका होती है। पुरुषों में नपुंसकता, महिलाओं में बांझपन हो सकता है। धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों के आस-पास रहने वाले व्यक्ति, उनके परिवार के सदस्य, बच्चे अन्य व्यक्ति के भी श्वसन के माध्यम से धुआं फेफड़ों में जाता है और उनके धूम्रपान नहीं करने पर भी इस अनचाहे धुएं से उनको कैंसर की आशंका रहती है। उन्होंने कहा -यदि किसी परिवार में कोई स्त्री गर्भवती है या बच्चे हैं तो उस परिवार में बिल्कुल भी तंबाकू का सेवन नहीं होना चाहिए।
सीएचसी मख्याली प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. परितोष मुदगल ने बताया – तंबाकू से होने वाली बीमारियों के प्रति शुक्रवार को आशा कार्यकर्ता, सीएचओ व अन्य स्टाफ को जागरूक किया गया। उन्होंने कहा-स्वस्थ और सुखी जीवन जीने के लिए तम्बाकू से नाता तोड़ा जाए। सिगरेट, बीड़ी पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इससे कैंसर जैसी घातक बीमारियां होती हैं। तंबाकू से मुंह का कैंसर, जबड़े गले में घातक बीमारियां होने का खतरा रहता है।

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