*राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन*
*राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन*

बाल मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह (03 फरवरी 2025 – 09 फ़रवरी 2025 ) —————————– 2025 की थीम “स्वयं को जानो और स्वयं को विकसित करो”*
*मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं हेतु टेली मानस हेल्पलाइन नंबर 14416 पर करें सम्पर्क ————————–
*मानसिक स्वास्थ्य विषय पर प्रश्नोत्तरी में सफल प्रतिभागियों का किया गया उत्साहवर्धन ———————- मन के हारे हार है, मन के जीते जीत*
आज दिनांक *06.02.2025,* को जिलाधिकारी महोदय श्री उमेश मिश्रा, मुख्य विकास अधिकारी संदीप भागिया के निर्देशन एवम मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील तेवतिया के मार्गदर्शन में होली चाइल्ड पब्लिक इण्टर कॉलेज, जडौदा, मुजफ्फरनगर के सभागार में बाल मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह अन्तर्गत “स्वयं को जानो और स्वयं का विकास करो” थीम के अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारम्भ डॉ0 राजीव कुमार सदस्य बाल कल्याण समिति, मनोज कुमार साइकोथेरपिस्ट एवम प्रधानाचार्य प्रवेन्द्र दहिया द्वारा प्रज्जवलित कर किया गया। मंच संचालन प्रवेन्द्र दहिया द्वारा किया गया। साइको थेरेपिस्ट मनोज कुमार ने बताया कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य एक सिक्के के दो पहलू है दोनों का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है, आप शारीरिक रूप से स्वस्थ होते हुए भी मानसिक रूप से बीमार हो सकते है। इसलिए हमें अपनी क्षमताओं को पहचानकार अपने दिमाग के क्षमताओं पर कार्य करना है। वर्तमान समय में हर वर्ग का इंसान मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहा है, विद्यार्थी भी उनमें से एक है। विद्यार्थियों पर भी प्रतिस्पर्धा का काफी तनाव होता है। तनाव से बचने के लिए हमें पर्याप्त नींद लेना, ध्यान करना, योग करना, अपनी कमियों के बजाय अपने क्षमता पर ध्यान देना आदि के द्वारा हम काफी हद तक तनाव से बच सकते है। बच्चों की सुविधा के लिए टेली मानस हेल्प लाईन नम्बर”14416″ टोल फ्री नम्बर-1800-891-4416 पर कोई भी मानसिक विकार से जूझ रहा है तो इन नम्बर पर परामर्श सुविधा उपलब्ध है।
प्रवेन्द्र दहिया ने बताया कि अगर हम मानसिक रूप से स्वस्थ व मजबूत है तो बडी से बडी समस्याओं व तनाव का बहुत ही आसानी से समाधान कर सकते है। स्वस्थ मन, स्वस्थ शरीर में ही निवास करता है। अतः हमें मानसिक रूप से स्वस्थ होना है तो शारीरिक रूप से भी स्वस्थ रहना होगा।
डॉ0 राजीव ने बच्चों को समझाया कि मन के हारे हार है मन के जीते जीत। चिंता किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। अतः हमें समस्या पर नहीं समाधान पर फोकस करना होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वास्थ्य को परिभाषित करते हुए बताया कि जो शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक रूप से दुरूस्त है तो वह स्वस्थ है। डब्लू0एच0ओ0 के आंकडों के अनुसार प्रत्येक 6 बच्चों में से 1 बच्चा मानसिक रूप से बीमार है। अतः इससे बचने के लिए हमें हमेशा अपने मन मजबूत रखना होगा। कार्यशाला को सफल बनाने में विद्यालय स्टाफ की महत्वपूर्ण भूमिका रही।