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भारत में भी लगेगी बूस्टर डोज, INSACOG की सिफारिश के बाद नई नीति तैयार कर रही सरकार!

भारत में भी लगेगी बूस्टर डोज, INSACOG की सिफारिश के बाद नई नीति तैयार कर रही सरकार!


देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका और नए कोरोना वैरिएंट की दस्तक को लेकर बूस्टर खुराक लगाने की चर्चा एक बार फिर से तेज हो गई है। ओमीक्रोन केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक अलर्ट मोड पर है। इस घातक वायरस से बचाव के लिए सावधानी के साथ-साथ प्रभावी वैक्सीनेशन की भी दरकार है। जिसकी ओर भारतीय जीनोमिक्स सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम (इंसाकॉग) ने भी इशारा किया है। उनका बुलेटिन इसकी ओर पूरे देश का ध्यान खींचता है जिसके बारे में आगे हम बताएंगे लेकिन पहले आपको बता दें कि ओमीक्रोन से खतरे से निपटने के लिए बूस्टर डोज की सिफारिश भी की गई है। भारतीय जीनोमिक्स सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम (इंसाकॉग) ने ओमीक्रोन के खतरे को देखते हुए 40 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए कोविड वैक्सीन की बूस्टर डोज की सिफारिश की है। फोरम ने कहा है कि ज्यादा जोखिम वालों को बूस्टर डोज देने पर विचार किया जा सकता है। इससे गंभीर बीमारी होने का खतरा कम होने की संभावना है। फोरम ने इससे पहले 29 नवंबर को अपने बुलेटिन में कहा था कि 40 वर्ष से अधिक उम्र के और उच्च जोखिम वाले लोगों को बूस्टर खुराक के लिए प्राथमिकता दी जा सकती है।
इंसाकॉग की बुलेटिन में कहा गया है कि जिन लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है, उनको खतरा ज्यादा है और पहले उनका टीकाकरण किया जाए और 40 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए बूस्टर खुराक देने पर विचार किया जाए। इनमें हाई रिस्क और ज्यादा खतरे में रह रहे लोगों को प्राथमिकता दी जा सकती है। जिन लोगों को कोरना वैक्सीन की सेकेंड डोज लगे 6 से 9 महीने हो गए हैं, उन्हें बूस्टर डोज देने चाहिए। क्योंकि 6 से 9 महीने में एंटीबॉडी में गिरावट बहुत तेजी से आती है।

इंसाकॉग ने ये भी कहा कि आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को सक्षम करने के लिए इस प्रकार की उपस्थिति का शीघ्र पता लगाने के लिए जीनोमिक निगरानी महत्वपूर्ण होगी। बता दें कि भारतीय जीनोमिक्स सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम (इंसाकॉग) ने ओमीक्रोन के खतरे को देखते हुए 40 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए कोविड वैक्सीन की बूस्टर डोज की सिफारिश की है। फोरम ने कहा है कि ज्यादा जोखिम वालों को बूस्टर डोज देने पर विचार किया जा सकता है। इससे गंभीर बीमारी होने का खतरा कम होने की संभावना है।

इस बीच चर्चा ये भी है कि बूस्टर डोज से ओमीक्रोन का समाधान ढूंढ़ा जा सकता है। जिसके चलते सरकार बूस्टर डोज लगाने के लिए एक नीति तैयार कर रही है। देशभर में ओमीक्रोन के बढ़ते खौफ के बीच सरकार ऐसा प्रस्ताव लाने वाली है जिसके लिए लोगों को बूस्टर डोज कैसे मुहैया कराई जाए इसके लिए एक नीति बनाई जाएगी।

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