Ram Mandir News: अयोध्या फैसले के वक्त अदालत में मौजूद वह बंदर कौन था? जज को भी करना पड़ा था ‘प्रणाम
Ram Mandir News: अयोध्या फैसले के वक्त अदालत में मौजूद वह बंदर कौन था? जज को भी करना पड़ा था 'प्रणाम

Ram Mandir News: अयोध्या फैसले के वक्त अदालत में मौजूद वह बंदर कौन था? जज को भी करना पड़ा था ‘प्रणाम’
अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी को है. ऐसे में आज उस बंदर की कहानी, जो अयोध्या फैसले के वक्त कोर्ट में मौजूद था. दरअसल, 1 फरवरी 1986 की शाम 4.40 बजे उस वक्त के जिला जज कृष्ण मोहन पांडे ने विवादित मस्जिद का ताला खोलने का आदेश दिया था. जब जज साहब फैसला पढ़ रहे थे, तब वह काला बंदर चुपचाप बैठा था. फैसले के बाद ही उस काले बंदर को वहां से जाते देखा गया था.
अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी तेज.
Ram Mandir News: अयोध्या में सालों तक टेंट में रहने वाले रामलला अब अपने भव्य राम मंदिर में विराजेंगे. 22 जनवरी को रामभक्तों का इंतजार खत्म हो रहा है. इसी दिन रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होगी. अयोध्या में राम मंदिर बनने की पटकथा काफी उलझी रही है. कानूनी जंग दशकों तक चली. जिला अदालत से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक मामला गया. और आखिरकार रामभक्तों के पक्ष में फैसला आया. 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर बनने का रास्ता प्रशस्त हुआ. विवादित ढांचा (बाबरी मस्जिद) से लेकर भव्य राम मंदिर बनने तक के सफर में एक काले रंग के बंदर की भूमिका को भी कुछ लोग दैवीय शक्ति मानते हैं. आज उसी बंदर की कहानी, जिसे देखकर जज साहब ने भी हाथ जोड़ लिए थे.
हर जगह देखा गया था वह बंदर
1 फरवरी 1986 को अयोध्या की सुबह कुछ अलग थी. उस दिन न केवल अयोध्यावासी बल्कि देश-दुनिया की नजर फैजाबाद जिला अदालत के फैसले पर टिकी थी. सुबह से ही लोग अदालत पहुंचने लगे थे और फैसला सुनने को बेताब थे. पुलिस-प्रशासन से लेकर आम लोगों की मौजूदगी से अदालत में पैर रखने की जगह नहीं थी. खचाखच भीड़ में अदालत में मौजूद लोगों की नजर एक काले रंग के बंदर पर टिकी थी, जो फैसले के वक्त वहीं मौजूद था. दावा किया जाता है कि वह बंदर अदालत में सुनवाई शुरू होने से लेकर जिला जज केएम पांडे यानी कृष्ण मोहन पांडे के घर जाने तक हर जगह देखा गया था.