राष्ट्रीय

Delhi Pollution: सरकार ने बनाई स्पेशल टास्क फोर्स, गोपाल राय बोले- अगले दो-तीन दिनों तक ‘बहुत खराब’ रहेगा AQI

Delhi Pollution: सरकार ने बनाई स्पेशल टास्क फोर्स, गोपाल राय बोले- अगले दो-तीन दिनों तक 'बहुत खराब' रहेगा AQI

राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब होने के बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार को कहा कि हवा की कम गति के कारण शहर में AQI अगले दो से तीन दिनों तक “बहुत खराब” श्रेणी में बना रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए GRAP-4 के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक विशेष कार्य बल का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति ऐसी है कि 2-3 दिनों तक AQI ‘बहुत खराब’ श्रेणी में ही रहने वाला है क्योंकि कल की भविष्यवाणी के अनुसार, हवा की गति… कम रहेगी… जब तक हवा की गति नहीं बढ़ जाती, AQI ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहेगा। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच, दिल्ली सरकार ने नियमों को लागू करने और प्रदूषण की निगरानी में सहायता के लिए एक विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन किया है।

गोपाल राय ने कहा कि इसे देखते हुए आज यह निर्णय लिया गया है कि हमें जमीन पर GRAP-4 के कार्यान्वयन की निगरानी करने की आवश्यकता है। इसके लिए 6 सदस्यीय विशेष कार्य बल ने गठित, विशेष सचिव पर्यावरण इसके प्रभारी होंगे। गोपाल राय केन्द्र की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना में निर्धारित किए गए उपायों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए बृहस्पतिवार को विभिन्न विभागों के साथ बैठक की। राय ने पहले वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही के लिए संबंधित विभागों पर नाराजगी जाहिर की थी और उनसे वायु प्रदूषण रोधी उपायों को लागू करने के लिए जिम्मेदार टीमों की निगरानी के वास्ते एक निगरानी तंत्र स्थापित करने का आग्रह किया था।

वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में
दिल्ली की वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार को बहुत खराब और गंभीर श्रेणी के बीच रही। ऐसा इसीलिए हुआ, क्योंकि प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के कारण प्रदूषक कणों का बिखराव नहीं हो पाया। दिल्ली सरकार और राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थान-कानपुर की एक संयुक्त परियोजना के हालिया निष्कर्षों से पता चला कि बुधवार को राजधानी के वायु प्रदूषण में वाहनों के उत्सर्जन का योगदान लगभग 38 प्रतिशत था। बृहस्पतिवार को यह आंकड़ा 40 फीसदी तक बढ़ने का अनुमान है। माध्यमिक अकार्बनिक एयरोसोल- सल्फेट और नाइट्रेट जैसे कण जो बिजली संयंत्रों, रिफाइनरियों और वाहनों जैसे स्रोतों से गैसों और कण प्रदूषकों की परस्पर क्रिया के कारण वायुमंडल में बनते हैं- दिल्ली की हवा में प्रदूषण के दूसरे प्रमुख योगदानकर्ता हैं। पिछले कुछ दिनों में शहर के प्रदूषण में माध्यमिक अकार्बनिक एयरोसोल का योगदान 30 से 35 प्रतिशत रहा है।

IMG-20250402-WA0032

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!