N. R Narayana Murthy Birthday: पत्नी से उधार लेकर नारायण मूर्ति ने डाली Infosys की नींव, जानिए दिलचस्प किस्से
N. R Narayana Murthy Birthday: पत्नी से उधार लेकर नारायण मूर्ति ने डाली Infosys की नींव, जानिए दिलचस्प किस्से

N. R Narayana Murthy Birthday: पत्नी से उधार लेकर नारायण मूर्ति ने डाली Infosys की नींव, जानिए दिलचस्प किस्से
भारतीय बहुराष्ट्रीय निगम इंफोसिस लिमिटेड के संस्थापक में से एक एन. आर. नारायण मूर्ति का आज अपना 76वां जन्मदिन मना रहे हैं। बता दें कि वह समकालीन समय के सबसे बड़े भारतीय उद्योगपति के तौर पर गिने जाते हैं। बता दें कि इंफोसिस एक बहुत बड़ी सूचना प्राद्योगिकी कम्पनी है। यह कंपनी सूचना प्रद्योगिकी, व्यापार परामर्श और आउटसोर्सिंग सर्विसेज प्रदान करती है।
वहीं नारायण मूर्ति ने इसकी सफलता को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने हमेशा से ही एक सफल उद्यमी बनने का सपना देखा था। जिसे उन्होंने अपनी प्रतिभा और मेहनत के दम पर पूरा भी किया। आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर एन. आर नारायण के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…
जन्म और शिक्षा
कर्नाटक के मसूरी शहर के मध्यमवर्गीय परिवार में 20 अगस्त सन 1946 में नारायण मूर्ति का जन्म हुआ। नारायण मूर्ति के पिता स्कूल टीचर और चाचा नागरिक सेवक थे। इनके परिवार की आर्थिक स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं थी। नारायण मूर्ति ने अपनी स्कूली शिक्षा सरकारी स्कूल से पूरी की थी। इनके पिता नारायण मूर्ति के लिए एक ही मार्ग का अनुसरण करना चाहते थे। लेकिन वह एक इंजीनियर बनना चाहते थे। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने IIT कानपुर में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा दी। इसमें उनका एडमिशन छात्रवृत्ति की मंजूरी के साथ हुआ।
नारायण मूर्ति स्कॉलरशिप से अपनी पढ़ाई का खर्च नहीं चला पा रहे थे। वहीं उनके पिता फीस भरने में असमर्थ थे। इसलिए पिता की सलाह पर उन्होंने एक स्थानीय इंजीनियरिंग कॉलेज ‘नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग’ में एडमिशन लिया। साल 1967 में उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.ई. की डिग्री के साथ ग्रेजुएशन पूरा किया। फिर साल 1969 में IIT कानपुर से मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की। जब वह IIT में थे, तब अमेरिका के एक फेमस कंप्यूटर वैज्ञानिक के साथ काम करने का मौका मिला। इस दौरान वह अमेरिकी वैज्ञानिक से काफी ज्यादा प्रभावित हुए। इसी वजह से उन्होंने आईटी के क्षेत्र में अपना कॅरियर बनाने का फैसला किया।
कॅरियर
नारायण मूर्ति ने अपने कॅरियर की शुरूआत ‘आईआईएम अहमदाबाद’ में एक प्रमुख सिस्टम प्रोग्रामर से की। उस दौरान उन्होंने टाइम शेयरिंग कंप्यूटर प्रणाली स्थापित की। बता दें कि आईआईएम अहमदाबाद टाइम शेयरिंग कंप्यूटर प्रणाली को स्थापित करने वाला भारत का पहला और हार्वर्ड व स्टैंफोर्ड के बाद विश्व का तीसरा बिजनेस स्कूल बना। नारायण मूर्ति दिन में करीब 20 घंटे काम करते थे। वह आज भी यह मानते हैं कि IIM में शामिल होने का उनका फैसला सही था।
साल 1970 के दशक में उन्होंने विदेशों में भी काम किया है। कुछ साल उन्होंने पेरिस में बिताया था। शुरूआत में नारायण मूर्ति कट्टर वामपंथी थे। वह साम्यवाद का समर्थन करते थे। लेकिन बाद में दयालु पूंजीवाद और रोजगार का बड़े पैमाने पर निर्माण करने के लिए नारायण मूर्ति ने अपने विचारों और निष्कर्षों को बदल दिया। पश्चिमी देशों से उन्होंने काफी कुछ सीखा था। वह भारत में रहकर अपने देश में खुद की कंपनी शुरू करना चाहते थे। उन्होंने सॉफ्टरोनिक्स नामक एक कंपनी की शुरूआत की। जो डेढ़ साल में असफल हो गया।
इसके बाद उन्होंने उद्यमी बनने का एक बार फिर फैसला किया। साल 1981 में पूणे में नारायण मूर्ति ने पत्नी सुधा मूर्ति से 10,000 रुपए से 6 अन्य सॉफ्टवेयर पेशेवरों के साथ टीम बनाकर ‘इंफोसिस कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड’ की शुरूआत की। साल 1983 में कंपनी का मुख्यालय पुणे से बैंगलौर में स्थानांतरित कर दिया। नारायण मूर्ति इस कंपनी के CEO बने और साल 1981 से उन्होंने इस पद पर कार्य करना शुरू कर दिया।
इसके अलावा नारायण मूर्ति DBS बैंक, यूनीलीवर और ICICI बैंक के बोर्ड पर एक निर्देशक के तौर पर सेवा की। 14 जून साल 2014 में वह कार्यकारी अध्यक्ष के पद से हट गए। इसके बाद 11 अक्टूबर 2014 को वह चेयरमैन एमेरिटस के रूप में नामित किये गये। उन्होंने रणनीतिक बोर्ड पर भी कार्य किया। इस दौरान वह नेशनल लॉ फ़र्म, सायरिल अमरचंद मंगलदास, नीति, सामरिक और शासन के मुद्दों पर सलाह देते है।