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Kartavyapath: भारत की जी-20 अध्यक्षता ‘जन्नत’ से ‘देवभूमि’ तक जी-20 में भारत का एजेंडा

Kartavyapath: भारत की जी-20 अध्यक्षता 'जन्नत' से 'देवभूमि' तक जी-20 में भारत का एजेंडा

Kartavyapath: भारत की जी-20 अध्यक्षता ‘जन्नत’ से ‘देवभूमि’ तक जी-20 में भारत का एजेंडा
भारत जी-20 अध्यक्षता कर रहा है, जिसमें दुनिया के वैश्विक मुद्दों को सुलझाने के लिए बैठकें चल रही है। वर्ष 2023 में भारत में जी20 ग्रुप की अलग अलग शहरों में अलग समिट चल रही हैं, जो दिसंबर तक जारी रहेंगी। मूल तौर पर G20 दुनिया की प्रमुख और व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाता है। जी20 इंडिया की अध्यक्षता का 7वां महीना यानी जून सफलता के साथ सपन्न हो गया है। इस पूरे महीने आयोजित की गई बैठकों में व्यापार, अर्थव्यवस्था और जलवायु परिवर्तन पर सकारात्मक चर्चा की गई।

इसी कड़ी में भारत की जन्नत माना जाने वाला जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार श्रीनगर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की बैठक हुई है। दुनिया नए कश्मीर की विकसित तस्वीर जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और महामारी का सामना कर रहा है, जो बड़ी चुनौतियां है। इन चुनौतियों का समाधान आपस में मिलजुलकर काम करने से निकलेगा। ऐसी ही बैठक श्रीनगर में हुई जहां हरित पर्यटन, डिजिटलीकरण, कौशल, एमएसएमई और स्थल प्रबंधन पर चर्चा की गई। बैठक में भारत ने 2022 में सर्वाधिक 1.88 करोड़ पर्यटकों के आगमन को जम्मू और कश्मीर में जमीनी परिवर्तन के संकेत के तौर पर सामने रखा है।

भ्रष्टाचार से निपटने और भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर मंथन
भारत ने आर्थिक अपराधियों को देश से भागने से रोकने और उदार कानूनों के साथ मित्र देशों में उनकी शरण को प्रतिबंधित करने के लिए निर्णायक कदम उठाए हैं। बैंक खातों में नकद सहायता भुगतान सहित डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने से आर्थिक अपराधों पर अंकुश लगाने में काफी हद तक सफलता मिली है। 25 से 27 मई तक उत्तराखंड में हुई एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप की दूसरी बैठक में आर्थिक अपराधियों के खिलाफ भारत की यही प्रतिबद्धताएं दोहराई गईं। वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार से निपटने के लिए जी-20 की प्रतिबद्धताओं को मजबूत करने का भी आह्वान किया गया। बैठक में सदस्य और आमंत्रित देशों के साथ-साथ यूएनओडीसी, ओईसीडी, एग्मॉन्ट ग्रुप, इंटरपोल और आईएमएफ सहित 9 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 90 प्रतिनिधि शामिल हुए। इस बैठक में भ्रष्टाचार से निपटने और पारस्परिक कानूनी सहायता के लिए संस्थागत ढांचे, भगोड़े आर्थिक अपराधियों, सूचना साझा करने के लिए सहयोग के औपचारिक और अनौपचारिक माध्यमों सहित कई पहलुओं पर विचार मंथन किया गया। इस बैठक में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए कई पहलुओं पर चर्चा हुई। बैठक में भारत ने उन अनुभवों को भी साझा किया जिससे भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों ने महिलाओं के सशक्तीकरण में मदद की है।

ईसीएसडब्ल्यूजी की तीसरी बैठक
मुंबई में 21 से 23 मई के दौरान पर्यावरण और जलवायु स्थिरता कार्य समूह की तीसरी बैठक हुई जिसमें सर्वसम्मति से समूह में सामने आने वाले परिणामों को सुगम बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई। बैठक में 155 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। समूह की तीन प्राथमिकताओं में भूमि क्षरण को रोकना, चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और नीली अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करना शामिल है। 28 जुलाई, 2023 को मंत्रिस्तरीय बैठक होनी है इससे पहले चेन्नई में 26 और 27 जुलाई को चौथी और अंतिम ईसीएसडब्ल्यूजी बैठक होगी।

DRRWG यानी Disaster Risk Reduction Working Group के रोडमैप पर हुई चर्चा
Disaster Risk Reduction Working Group यानी आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्य समूह (DRRWG) की दूसरी बैठक मुंबई में 23 से 25 मई को हुई, जिसमें आगामी तीन वर्षों के लिए ग्रुप के रोडमैप पर चर्चा की गई। इस दौरान आपदा रोधी इंफ्रास्ट्रक्चर और आपदा जोखिम न्यूनीकरण इंफ्रास्ट्रक्चर वाली परियोजनाओं में निवेश को लेकर चर्चा की हई। आपदा को लेकर जी- 20 देशों की अच्छी प्रथाओं के आदान-प्रदान पर भी चर्चा की गई। इस बैठक का मूल उद्देश्य नए अवसरों की पहचान कर वित्तपोषण तंत्रों की जांच करना है। आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्य समूह की तीसरी बैठक 24 से 26 जुलाई तक चेन्नई में होनी प्रस्तावित है।

बेंगलुरू में हुई व्यापार और निवेश कार्य समूह की दूसरी बैठक
व्यापार और निवेश कार्य समूह की दूसरी बैठक बेंगलुरू में 23 से 25 मई के दौरान हुई थी, जिसमें 75 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। विश्व व्यापार संगठन में सुधार करने पर गहन चर्चा बैठक में की गई। गौरतलब है कि ये भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत 5वां प्राथमिकता वाला मुद्दा है। जी-20 की अध्यक्षता कर रहा भारत आर्थिक विकास और सतत विकास को बढ़ावा देने में विश्व व्यापार संगठन की महत्वपूर्ण भूमिका को समझती है। बैठक का उद्देश्य पारदर्शी, समावेशी और विकासोन्मुख सुधारों की दिशा में सहयोगात्मक रूप से काम करना है जो सभी सदस्यों, विशेष रूप से विकासशील और कम विकसित देशों के हितों की रक्षा करता है। इस बैठक में ग्लोबल वार्मिंग व पर्यावरण को बचाने के लिए पेपरलैस सिस्टम पर भी चर्चा की गई, जिसमें कई देशों ने इस सिद्धांत को समर्थन दिया। बता दें कि इस समूह की तीसरी बैठक 10 से 12 जुलाई तक केवड़िया गुजरात में होगी।

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