Kartavyapath : भारत सरकार के लिए हर नागरिक की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
Kartavyapath : भारत सरकार के लिए हर नागरिक की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता

जैसे कावेरी नदी अपने अविरल प्रवाह से बिना किसी बाधा के अपने गंतव्य तक पहुँचती है, वैसे ही ऑपरेशन कावेरी ने संकटग्रस्त सूडान में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की। गौरतलब है कि भारत सरकार समय-समय पर संकट की स्थिति में दूसरे देशों से भारतीयों को वापस स्वदेश लाने के लिए ऑपरेशन चलाती है। इसके तहत दूसरे देशों में फंसे लोगों को वापस हिंदुस्तान लाया जाता है। इसी कड़ी में हिंसाग्रस्त सूडान से भारत के लोगों को निकालने के लिए शुरू किया गया ऑपरेशन कावेरी खत्म हो गया है। ऑपरेशन कावेरी के तहत लगभग 4000 भारतीयों को सूडान से सुरक्षित निकाला गया।
वहां की स्थिति बहुत खराब है। बमबाजी, फायरिंग, गोलीबारी लगातार जारी है। टैंक से गोले दागे जा रहे हैं। ऐसे में वहां से जाने के बाद देश वापस लौटना बहुत अच्छा लग रहा है। “वहां एक गंभीर स्थिति है। वहां से घर वापस आया। सूडान में भारतीय दूतावास ने अच्छा काम किया है। यह हमारे लिए बहुत अच्छी बात है। यह एक बेहतरीन कॉम्बिनेशन था। कहने का मतलब यह है कि सूडान से निकाले गए भारतीय अपने वतन पहुंच गए हैं। ऑपरेशन कावेरी के तहत युद्धग्रस्त सूडान से सकुशल भारत लौटे लोगों ने कुछ इस तरह से केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया।
यह पहली मौका नहीं था की भारत सरकार ने विदेशों में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की हो। ये सभी जानते हैं कि अगर दुनिया के किसी भी कोने में बैठे भारतीय को समस्या होती है तो भारत सरकार तब तक चैन से नहीं बैठती जब तक समस्या का समाधान नहीं हो जाता।
जब भी विदेशों में भारतीयों को संकट में देखा गया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तत्काल भारतीयों की मदद के लिए आगे आए है। यमन में तनाव के समय 4,000 से अधिक भारतीयों की सुरक्षित वापसी हो या कोविड के समय विदेशों में फंसे करोड़ों भारतीयों को वापस लाना। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद भारतीयों की सुरक्षित वापसी हो या रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे भारतीयों की वापसी सभी मौकों पर भारतीय सरकार ने अच्छा सामंजस्य बैठाया है। भारत सरकार हमेशा भारतीयों का दुनिया के किसी भी कोने में तत्परता से साथ निभाती है। ऑपरेशन कावेरी के जरिए सूडान में फंसे भारतीयों की सकुशल वापसी के लिए भी भारत सरकार ने वही तत्परता दिखाई है। केंद्र सरकार के इसी व्यवहार की बदौलत ही इतना बड़ा ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा हुआ है।
इस ऑपरेशन कावेरी से संबंधित सऊदी अरब में भारतीय दूतावास ने 5 मई को एक ट्वीट भी किया था जिसमें कहा गया कि ऑपरेशन कावेरी के दौरान सूडान से निकाले गए लोगों के लिए इंटरनेशनल इंडियन स्कूल जेद्दा में ट्रांजिट सुविधा बंद कर दी गई है। इस ट्रांजिट सुविधा के जरिए 3500 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया था। सूडान से निकाले गए लोगों के लिए आगे की कार्ययोजना बनाने के लिए मजबूत केंद्र के तौर पर भी कार्य किया है। भारत ने हमेशा किसी भी अंतर्राष्ट्रीय संकट के दौरान अपने नागरिकों की मदद करने में तत्परता दिखाई है और उनकी सुरक्षा का ध्यान रखा है। भारत सरकार आज के समय में भी वसुधैव कुटुम्बकम के अपने सदियों पुराने दर्शन से प्रेरित होकर कार्य करने में विश्वास करती है। किसी भी विकट परिस्थिति में मानवीय सहायता प्रदान करने में भारत सरकार ने अन्य देशों के नागरिकों को भी मदद मुहैया कराई है।
जोखिमपूर्ण परिस्थितियों में सूडान से भारतीयों को निकाला गया
– सूडान के विभिन्न स्थानों से यात्रियों को खतरनाक परिस्थितियों में पोर्ट सूडान तक पहुँचाना एक जटिल कार्य था। वाडी सैयदना से भी मुश्किल कार्य को अंजाम दिया गया। यहां से एक उड़ान को जोखिम के बीच उड़ाया गया।
– भारतीय वायुसेना की 17 और भारतीय नौसेना की 5 उड़ानें पोर्ट सूडान से लोग जहाजों के जरिए सऊदी अरब ले जाए गए थे। उन्हें सुरक्षित जेद्दा तक पहुंचाया गया। सूडान की सीमा से लगे देशों से 86 नागरिकों को निकाला गया।
– लोगों को जेद्दाह से एयरफोर्स और कमर्शियल फ्लाइट से घर लाया गया। केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम उनकी मेजबानी करने और इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए सऊदी अरब के आभारी हैं। उन्होंने चाड, मिस्र, फ्रांस, दक्षिण सूडान, यूएई, यूके, यूएसए और यूएन के समर्थन की भी सराहना की।
– ऑपरेशन कावेरी में शामिल सभी लोगों का जज्बा, दृढ़ता और साहस काबिले तारीफ था। खार्तूम में भारतीय दूतावास ने इस कठिन समय के दौरान असाधारण समर्पण दिखाया है। सऊदी अरब में तैनात टीम इंडिया और भारत में समन्वय कर रहे फॉरेन रैपिड रिस्पांस सेल के प्रयास सराहनीय रहे।
भारतीयों की सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए केंद्र सरकार ने चलाया अभियान
– वर्ष 2015 में यमन से 4000 से अधिक भारतीय नागरिकों और विदेशियों को निकालने के लिए भारतीय शस्त्र बलों ने ऑपरेशन किया राहत शुरू किया था।
– कोविड-19 महामारी के दौरान भारतीय नागरिकों को विदेश से वापस लाने के प्रयासों के तहत 5 मई, 2020 को ऑपरेशन समुद्र सेतु शुरू किया गया था।
– एक ऑपरेशन वंदे भारत शुरू किया गया था। अगस्त 2021 में, ऑपरेशन देवी शक्ति के तहत, अफगान सरकार सैकड़ों साथियों को भारत लाया गया।
– फरवरी 2022 में ऑपरेशन गंगा के तहत भारतीय नागरिक इसके साथ ही कई विदेशी नागरिकों को भी यूक्रेन से डिपोर्ट किया गया था। तिजोरी को सफलतापूर्वक हटा दिया गया है।
भारत सरकार का निकासी अभियान ‘ऑपरेशन कावेरी’
सूडान में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश वापस लाने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक निकासी अभियान। ऑपरेशन कावेरी को संकटग्रस्त सूडान में त्वरित तौर पर 24 अप्रैल, 2023 को शुरू किया गया। भारतीय नागरिकों की सूडान से सुरक्षित निकासी के लिए उचित प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित करने के लिए विदेश मंत्रालय, भारतीय वायु सेना और सूडान स्थित भारतीय दूतावास सहित अन्य अधिकारियों की एक टीम नियुक्त की गई थी। इस दौरान, भारतीय नागरिकों को सूडान के अलग-अलग हिस्सों से राजधानी खार्तूम ले जाया गया जहां से उन्हें वापस भारत लाया गया।