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2000 रुपये का नोट हटाना नोटबंदी की तरह ही एक राजनीतिक निर्णय है : हेमंत सोरेन

2000 रुपये का नोट हटाना नोटबंदी की तरह ही एक राजनीतिक निर्णय है : हेमंत सोरेन

रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को आरोप लगाया कि चलन से 2000 रूपये का नोट हटाना नोटबंदी की भांति ही एक ‘राजनीतिक निर्णय’ है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 रूपये के नोट को वापस लेने की घोषणा की है और कहा है कि ये नोट 30 सितंबर तक बैंक खाते में जमा कराये जा सकते हैं या बदले जा सकते हैं। सोरेन ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘ यह (2000 रूपये का नोट चलन से वापस लेना) उनकी (भाजपा की) राजनीतिक पहचान को बचाने के लिए 2016 में की गयी नोटबंदी की भांति ही विशुद्ध रूप से एक राजनीतिक निर्णय है। लेकिन वे लोगों के सामने बेनकाब हो गये हैं। दुर्भाग्य से 2000 रुपये के नोट की उम्र महज छह से सात साल रही।’’

उन्होंने दावा किया कि दो लाख से अधिक छोटे एवं मझोले उद्योग नोटबंदी के चलते बंद हो गये। उन्होंने कहा, ‘‘ कैमरा एवं मोबाइल फोन समेत हर चीज की भी एक उम्र होती है लेकिन दुभार्ग्य से 2000 रुपये का नोट महज 6-7 साल ही चला।’’ नवंबर, 2016 में 500 और 1000 रुपये के नोटों को प्रचलन से बाहर किये जाने के बाद अर्थव्यवस्था में तेजी से मुद्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए 2000 रुपये का नोट लाया गया था। आरबीआई ने शुक्रवार को कहा था कि उसने देखा है कि 2000 रुपये के नोट आमतौर पर लेन-देन में इस्तेमाल नहीं किये जाते हैं तथा अन्य मूल्यों के नोटों का भंडार इतना है कि वे जनता की नोटों की जरूरतों को पूरा करता रहेगा।

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