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गूगल को उम्मीद, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के मामले में ‘चैटजीपीटी’ पर भारी पड़ेगा ‘बार्ड’

गूगल को उम्मीद, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के मामले में ‘चैटजीपीटी’ पर भारी पड़ेगा ‘बार्ड’

न्यूयॉर्क। गूगल ‘बार्ड’ के जरिये कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में संवाद कौशल की लड़ाई लड़ने के लिए कमर कस रहा है। ‘बार्ड’ एक संवाद सेवा है, जिसका लक्ष्य माइक्रोसॉफ्ट द्वारा समर्थित लोकप्रिय चैटबोट ‘चैटजीपीटी’ को चुनौती देना है। गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचई ने सोमवार को एक ब्लॉग पोस्ट में बताया कि शुरुआत में ‘बार्ड’ सिर्फ गूगल के ‘भरोसेमंद टेस्टर’ के एक समूह को उपलब्ध कराया जाएगा, जबकि साल के अंत तक इसे बड़े पैमाने पर जारी करने की योजना है। गूगल के मुताबिक, उसका ‘बार्ड’ चैटबोट बाहरी अंतरिक्ष से जुड़ी खोजों सहित अन्य जटिल विषयों को इतनी सरल में बयां करने में सक्षम होगा कि एक बच्चा भी उसे समझ सके।

कंपनी का दावा है कि ‘बार्ड’ पार्टी की तैयारियां करने और फ्रिज में बचे सामान से लजीज पकवान बनाने की विधि सुझाने जैसे कार्य करने में भी सक्षम होगा। ‘बार्ड’ का नाम विलियम शेक्सपीयर से प्रेरित बताया जा रहा है। हालांकि, पिचई ने ब्लॉगपोस्ट में यह नहीं बताया कि ‘बार्ड’ शेक्सपीयर सरीखे गद्य लिखने में सक्षम होगा या नहीं। पिचई ने कहा, “बार्ड रचनात्मकता दिखाने का एक मंच और जिज्ञासा को जन्म देने वाला एक लॉन्चपैड साबित हो सकता है।” गूगल ने माइक्रोसॉफ्ट द्वारा ‘चैटजीपीटी’ का निर्माण करने वाली सैन फ्रांसिस्को की कंपनी ‘ओपन एआई’ में अरबों डॉलर का निवेश करने का खुलासा करने के दो हफ्ते से भी कम समय के भीतर ‘बार्ड’ को तैयार किए जाने की जानकारी साझा की है।

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